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Updated March 27th, 2024 at 15:07 IST

सीतापुर जेल से खेल...अखिलेश से ना माने तो नाराज आजम खान को मनाने के लिए चाचा शिवपाल संभालेंगे मोर्चा

सपा के संग्राम को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल निभाएंगे। खबर है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को मनाने सीतापुर जेल जाएंगे।

Reported by: Kiran Rai
Shivpal and Akhilesh Yadav
शिवपाल-अखिलेश | Image:File: PTI
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Shivpal Azam Khan Meeting: सपा का संग्राम चरम पर है। पहले फेज की दो सीटों- मुरादाबाद और रामपुर में दावेदारों की तलाश पर विराम अब भी नहीं लगा है। मुरादाबाद में एसटी हसन बनाम रुचि वीरा जारी है तो रामपुर में आज़म की ग्रीन सिग्नल का इंतजार है। खान अखिलेश को चुनावी समर में उतारे जाने की जिद्द लेकर बैठे हैं तो सपा सुप्रीमो मोदी मैजिक के आगे शायद जोखिम लेना नहीं चाह रहे। इस बीच सूत्र बता रहे हैं कि सब कुछ दुरुस्त करने की जिम्मेदारी आजम खान के पुराने साथी और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल को दी गई है।

चर्चा है कि तीर कमान लेकर एक दूसरे पर निशाना साधने को तैयार सपाइयों को कंट्रोल करना भारी पड़ रहा है। ऐसे में ही अखिलेश को चाचा शिवपाल की याद आई है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम से मिलने सीतापुर जेल जाएंगे। 22 मार्च को अखिलेश भी वहीं पहुंचे थे।

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अखिलेश से मुलाकात, फिर बढ़ी बात

अखिलेश यादव सीतापुर जेल में आजम खान से मिलने पहुंचे। बताया गया कि 2022 के उपचुनाव में रामपुर सीट गंवाने के बाद सपा सुप्रीमो कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे इसलिए आजम से मिलने पहुंचे। खबर निकली की आजम ने अखिलेश से कहा है कि वो ही रामपुर सीट से लड़ें। एक और बात सामने आई चिट्ठी के जरिए। 
उनके ना कि दशा में बॉयकॉट वाली धमकी। आजम के करीबियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका ऐलान कर दिया। रामपुर में सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर और पिछले लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी रहे आसिम राजा ने मीडिया के सामने आजम खान के पत्र को भी सार्वजनिक कर दिया। इस पत्र में कहा गया- लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। सबकी निगाहें प्रत्याशी की घोषणा पर लगी हुई है। हम भी पिछले 40-50 वर्षों से चुनाव प्रकिया के भागीदार रहे हैं। लेकिन, हमारे सामने यह केवल चुनाव कभी नहीं रहा, बल्कि हमेशा गरीबों, मजदूरों, युवाओं और विशेषकर आने वाली नस्लों का भविष्य हमारी सियासत और जिंदगी का मकसद रहा है।

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'परिवार जेल की कोठरियों में '

पत्र में आजम आगे लिखते हैं - अपना पूरा जीवन इसी मकसद को हासिल करने में हमने लगाया है। आज उसी की सजा हमको मिल रही है। पार्टी के साथी और हमारा पूरा परिवार जेल की कोठरियों मे जिंदगी के दिन काट रहा है। पिछले कुछ समय में रामपुर को बर्बाद करने में कोई कसर नही छोड़ी गई। हजारों बेगुनाह लोगों पर झूठे मुकदमे लगाए गए और जेलों में डाला गया। रामपुर की आम जनता के साथ घोर अन्याय किया गया। पिछले दो उपचुनावों में जो कुछ हुआ उसे पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है।

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रामपुर की ऐसी विशेष परिस्थितियों के कारण लोकसभा के वर्तमान चुनाव में हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से रामपुर से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। हमारा विचार था कि इन हालात में राष्ट्रीय अध्यक्ष का रामपुर से चुनाव लड़ना आवश्यक है। हम समझते है कि कन्नौज, आजमगढ़, बदायूं, मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद महत्वपूर्ण सीटें हैं, जिनका जीतना जरूरी है। इस सबके बाद रामपुर का सवाल है कि रामपुर कौन जीतेगा?

ये भी पढ़ें- सपा में घमासान, मुरादाबाद से एसटी हसन का टिकट कटा! अब ये होंगी उम्मीदवार, रामपुर में भी फंसा पेच

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Published March 27th, 2024 at 14:51 IST

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