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Updated March 27th, 2024 at 11:36 IST

सपा में घमासान, मुरादाबाद से एसटी हसन का टिकट कटा! अब ये होंगी उम्मीदवार, रामपुर में भी फंसा पेच

ST Hasan का मुरादाबाद से पत्ता साफ होने की खबर से हंगामा बरपा हुआ है। तो वहीं रामपुर पर भी सपा मुश्किल में दिख रही है। आजम ने इलेक्शन बायकॉट की बात तक कह दी है।

Reported by: Kiran Rai
akhilesh yadav
अखिलेश यादव | Image:PTI/File
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Azam Khan Rampur Seat:  नामांकन का आखिरी दिन और सपा की ओर से रामपुर सीट पर कौन दिखाएगा दम इसको लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं हुई। लेकिन एक दिन पहले जो हुआ उसने सपा के अंदरखाने चल रहे द्वंद को उजागर कर दिया। सपा दिग्गज ने एक खत लिखा जिसमें अर्जी, गुस्सा और अपील का मेल था। एसटी हसन का टिकट मुरादाबाद में कटने से पार्टी की वैसे ही फजीहत हो रही है उस पर आजम का खुला खत नाक में दम कर रहा है।

मुरादाबाद में संग्राम छिड़ा है। सड़क पर लोग उतर आए हैं। रूचिवीरा को टिकट थमाने पर बवाल मचा है। बाहरी उम्मीदवार वापस जाओ के नारे सड़क पर गूंज रहे हैं।

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रामपुर का फंसा पेच

हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सीतापुर जेल पहुंचे आजम खान से मिलने। सूत्रों ने बताया भी कि आजम खान ने एक शर्त रख दी। ऐसी कि अखिलेश मुश्किल में आ गए। खान ने चाल चली और अखिलेश से ही चुनाव लड़ने को कह दिया। बात सूत्र तक सिमटी लेकिन फिर आजम खान की चिट्ठी सामने आई और इसमें जो लिखा था उसने जता दिया कि पेच तो फंस गया है।

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अखिलेश की ना और बगावत पर उतरे खान समर्थक

खबर ये भी है कि खान को अखिलेश यादव ने ना कह दी। उन्होंने रामपुर से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद आजम के करीबी लोगों ने अखिलेश चुनाव बॉयकॉट की धमकी दी है। प्रेस कांफ्रेंस कर इसका ऐलान कर दिया। रामपुर में सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर और पिछले लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी रहे आसिम राजा ने मीडिया के सामने आजम खान के पत्र को भी सार्वजनिक कर दिया। इस पत्र में कहा गया है कि लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। सबकी निगाहें प्रत्याशी की घोषणा पर लगी हुई है। हम भी पिछले 40-50 वर्षों से चुनाव प्रकिया के भागीदार रहे हैं। लेकिन, हमारे सामने यह केवल चुनाव कभी नहीं रहा, बल्कि हमेशा गरीबों, मजदूरों, युवाओं और विशेषकर आने वाली नस्लों का भविष्य हमारी सियासत और जिंदगी का मकसद रहा है।

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समाजवादी पार्टी के रामपुर जिलाध्यक्ष, विधायक और पूर्व प्रत्याशी ने एक साथ पार्टी दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि रामपुर चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। अगर अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ेंगे तो समाजवादी पार्टी की रामपुर यूनिट चुनाव का बायकॉट करेगी। कहा गया कि जिस तरीके से प्रशासन ने पिछले दो चुनाव में सपा के कार्यकर्ताओं और वोटर्स के साथ बर्ताव किया है, उसे देखते हुए वह लोग इस चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं और अखिलेश यादव ने अगर चुनाव नहीं लड़ा तो आजम खान इस चुनाव का बहिष्कार करेंगे। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव पर रामपुर से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है।

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'परिवार जेल की कोठरियों में '

पत्र में आजम आगे लिखते हैं - अपना पूरा जीवन इसी मकसद को हासिल करने में हमने लगाया है। आज उसी की सजा हमको मिल रही है। पार्टी के साथी और हमारा पूरा परिवार जेल की कोठरियों मे जिंदगी के दिन काट रहा है। पिछले कुछ समय में रामपुर को बर्बाद करने में कोई कसर नही छोड़ी गई। हजारों बेगुनाह लोगों पर झूठे मुकदमे लगाए गए और जेलों में डाला गया। रामपुर की आम जनता के साथ घोर अन्याय किया गया। पिछले दो उपचुनावों में जो कुछ हुआ उसे पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है।

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रामपुर की ऐसी विशेष परिस्थितियों के कारण लोकसभा के वर्तमान चुनाव में हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से रामपुर से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। हमारा विचार था कि इन हालात में राष्ट्रीय अध्यक्ष का रामपुर से चुनाव लड़ना आवश्यक है। हम समझते है कि कन्नौज, आजमगढ़, बदायूं, मैनपुरी, एटा और फिरोजाबाद महत्वपूर्ण सीटें हैं, जिनका जीतना जरूरी है। इस सबके बाद रामपुर का सवाल है कि रामपुर कौन जीतेगा?

एस टी हसन बनाम आजम में उलझी सपा

एसटी हसन की जगह रूचिवीरा के नाम की चर्चा कम हैरानी वाली बात नहीं। हसन सिटिंग एमएलए रहे हैं। सपा के टिकट पर 2019 में ठीक ठाक जीत हासिल की फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि उनके नाम पर मुहर न लगने की बात सामने आई। कहा जाता है कि आजम और हसन में बनती नहीं है और रूचिवीरा आजम खान खेमे की हैं।  हसन के साथ खेला यूं ही नहीं हुआ। कहा जा रहा है कि आजम की नाराजगी से बचने के लिए ही सपा अध्यक्ष ने रूचिवीरा के नाम पर हामी भर दी है।  कहा ये भी गया कि एस टी हसन को रामपुर सीट ऑफर की गई जिसे उन्होंने सिरे खारिज कर दिया। एक खबर और आई कि अखिलेश हसन को पहले से ही मुरादाबाद से टिकट दे चुके हैं और इसलिए हसन ने नामांकन दाखिल भी कर दिया।

सपाई उलझन के तीन पात्र हैं। एसटी हसन, रूचिवीरा और तीसरे अहम किरदार आजम खान। ऐसा उलझाया है कि सब फंस कर रह गए हैं। आजम एक साथ दो पर वार कर रहे हैं। हसन का टिकट कटवा अपने कैंप की रूचिवीरा को सेट भी कराना चाहते हैं। अखिलेश यादव उलझ गए हैं। मामला मुस्लिम वोट बैंक का है।  आग ऐसी कि लपेटे में मुरादाबाद और रामपुर दोनों आ गए हैं।

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80 में से 48 पर सपा उम्मीदवार घोषित

समाजवादी पार्टी की ओर से अब तक 48 सीटों पर दावेदारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। 17 सीटें कांग्रेस के हिस्से आई हैं। टीएमसी को भदोही सीट दी गई है। 2019 के चुनावों में समाजवादी पार्टी जयंत चौधरी की रालोद और बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनाव में उतरी थी।  इनमें 10 सीट ही बसपा के खाते में गईं थीं, रालोद को एक भी सीट हाथ नहीं लगी थी। इस बार राष्ट्रीय लोक दल एनडीए और बीएसपी अकेले चुनाव लड़ रही है।

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Published March 27th, 2024 at 09:21 IST

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