Updated May 6th, 2024 at 17:00 IST
वोटबैंक के चलते आतंकी हमलों के दौरान कांग्रेस-टीएमसी ने साधी चुप्पी: अमित शाह
अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और टीएमसी ने आतंकी हमलों के दौरान इसलिए चुप्पी साधे रखी क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक के नाराज होने का भय था।
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Amit Shah Durgapur Rally: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के समय देश में आतंकी हमलों के दौरान चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाया। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और टीएमसी ने आतंकी हमलों के दौरान इसलिए चुप्पी साधे रखी क्योंकि उन्हें अपने ‘‘वोट बैंक के नाराज होने का भय था।’’ वह बर्धमान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र के दुर्गापुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने दावा किया कि जहां भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 10 साल के कार्यकाल की विशेषता आतंकवाद पर सख्त रुख और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करना है, वहीं कांग्रेस नीत संप्रग सरकार आतंक पर नरम थी। उन्होंने कहा कि उक्त संप्रग सरकार की टीएमसी भी एक सहयोगी थी। शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस शासन (2004-2014 तक संप्रग शासन) के दौरान देश में आतंकवादी हमले हुए तो कांग्रेस और टीएमसी ने अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण एक शब्द भी नहीं बोला। टीएमसी तब कांग्रेस सरकार का हिस्सा थी। उन्हें डर था कि यदि उन्होंने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया तो उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा।’’
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीमावर्ती राज्य में घुसपैठ होने देने का आरोप लगाते हुए, शाह ने दोहराया कि वह अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुईं, क्योंकि उन्हें अपने "घुसपैठिए वोट बैंक" के नाराज होने का डर था। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी और टीएमसी को अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए सीमावर्ती राज्य में घुसपैठ पर आंखें मूंदने के लिए खुद पर शर्म आनी चाहिए।" शाह ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण ममता दीदी और उनके भतीजे (अभिषेक बनर्जी), दोनों को भेजा गया था, लेकिन उन्होंने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया, "क्योंकि उन्हें डर था कि इससे घुसपैठिए, जो टीएमसी के वोट बैंक हैं, नाराज हो सकते हैं।"
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Published May 6th, 2024 at 17:00 IST
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