Updated March 29th, 2024 at 11:57 IST
जब सेना से LMG चुराकर बड़ा कांड करना चाहता था मुख्तार, हिल गई थी मुलायम सरकार... फिर क्या हुआ?
Mukhtar Ansari Death: यूपी के मऊ से 5 बार के विधायक रहे मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने बड़ा खुलासा किया है।
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Former DSP Shailendra Singh on Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का निधन हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार की मौत हुई। यूपी के मऊ से 5 बार के विधायक रहे मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह (Former DSP Shailendra Singh) ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने उस दौड़ की कहानी सुनाई है जब मुख्तार के नाम की तूती बोलती थी।
पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने जो कहा उससे पहले ये जानना जरूरी है कि 90 के दशक में पूरे पूर्वाञ्चल में मुख्तार अंसारी के नाम का खौफ था। आलम ये था कि मऊ जाने से पहले वो बिजली विभाग को फोन करता था कि जब तक मैं वहां रहूं बिजली नहीं कटनी चाहिए, और होता भी ऐसा ही था। वो जब तक अपने जिले में रहता, बिजली रहती और उसके जाते ही बिजली खत्म। 15 साल की उम्र में क्राइम को अपनी महबूबा बनाने वाले मुख्तार अंसारी के ऊपर 61 केस दर्ज हैं, जिनमें से अभी तक सिर्फ 8 मामलों में उसे सजा मिली थी और वो 15 सालों से जेल में था। मुख्तार अंसारी के अपराध की सूची में सबसे टॉप पर है बीजेपी नेता कृष्णानन्द राय की हत्या।
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पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह का बड़ा खुलासा
29 नवंबर 2005, जी हां इसी तारीख को बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनपर लगभग 500 राउंड फायरिंग की गई थी और इस हत्याकांड से पूरा उत्तर प्रदेश सहम गया था। इस कांड के बाद माफिया मुख्तार अंसारी का खौफ और बढ़ गया था। मुख्तार की मौत के बाद पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने बड़ा खुलासा किया जब क्राइम की दुनिया में शिखर पर था।
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पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने एएनआई से कहा, ''20 साल पहले 2004 में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य चरम पर था। वह उन इलाकों में खुली जीपों में घूमता था जहां कर्फ्यू लगा हुआ था। उस समय मैंने एक लाइट मशीन गन (LMG)बरामद की थी। यूपी में उससे पहले या अभी तक किसी ने LMG बरामद नहीं की थी।
'मुलायम सरकार ने मुख्तार को दी संरक्षण'
पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने आगे बताया कि मैंने मुख्तार अंसारी पर पोटा भी लगाया, लेकिन मुलायम सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर बचाना चाहती थी। उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डाला, आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया गया, यहां तक कि मुझे 15 दिनों के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन मैंने अपने इस्तीफे में अपना कारण लिखा और जनता के सामने रखा कि यह वही सरकार है जिसे आपने चुना है, जो माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उनके आदेश पर काम कर रही है। मैं किसी पर एहसान नहीं कर रहा था. यह मेरा कर्तव्य था।
मुख्तार अंसारी की मौत पर क्या बोले वकील?
मुख्तार अंसारी की मौत के मामले पर उनके वकील चंद्रजीत यादव ने ताजा जानकारी देते हुए कहा कि डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया चल रही है। डॉक्टरों का पैनल बना रहा है। जल्द ही पोस्टमॉर्टम शुरू होगा। कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने हम यहां आए थे। बता दें कि मुख्तारी अंसारी को गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में शुक्रवार को ही सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।
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Published March 29th, 2024 at 11:41 IST
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