Advertisement

Updated November 1st, 2018 at 20:08 IST

#NationalApprovalRatings | कांग्रेस के 'हाथ' से फिसल सकता है कर्नाटक , खिल सकता है बीजेपी का 'कमल'

अभी चुनाव होने पर अनुमान है कि भाजपा को कर्नाटक में 28 सीटों में से 18 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस को 2 सीट को घाटे के साथ 7 सीट मिल सकती हैं.

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
Advertisement

दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण राज्य कर्नाटक, जहां साल की शुरूआत में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाबजूद भी बीजेपी सत्ता में नहीं आ पाई . और यहीं वो राज्य है जहां से कांग्रेस जनता दल सेक्यूलर के गठबंधन वाली सरकार से महागठबंधन की नींव रखी गई. लेकिन अभी अगर लोकसभा चुनाव हो तो बीजेपी को एक सीट का फायदा मिल सकता है. 

अभी चुनाव होने पर अनुमान है कि भाजपा को कर्नाटक में 28 सीटों में से 18 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस को 2 सीट को घाटे के साथ  7 सीट मिल सकती हैं. हालांकि जेडीएस को सत्ता में होने के बाद कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा है.  अनुमान के मुताबिक जेडीएस के 2014 के मुकाबले दो सीट का फायदा होता दिखा रहा है. 

कर्नाटक में रिपब्लिक टीवी और सी वोटर के National Aproval Rating के मुताबिक नरेंद्र मोदी पीएम पद के लिए पहली पसंद हैं. नरेंद्र मोदी को 44.3 फिसदी जनता और राहुल गांधी को 37. 6 फिसदी जनता पीएम उम्मीदवारी के लिए पसंद करती है. 

यह महत्वपूर्ण है कि कर्नाटक में कांग्रेस ने 3.8% वोट खो दिया है, जेडीएस ने 2.4% की कमाई की है जिसका मतलब है कि राज्य स्तर पर सहयोगी होने के बावजूद, जेडीएस और कांग्रेस का वोटशेयर के लिए एक दूसरे से संघर्ष जारी है जिसके चलते बीजेपी को फायदा हो रहा है.

राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से NDA को 18. UPA को 7. वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की पार्टी JDS को सिर्फ 3 सीटें मिलेंगी. 

इसके पीछे की एक वजह लिंगायत समुदाय की कांग्रेस पार्टी से नाराज है. इसका सिधा फायदा बीजेपी को मिलते दिख रहा है. बता दें कांग्रेस पार्टी के लिगायत विधायक तो इस बात से और भी नाराज है कि उनकी पार्टी ने जेडीएस के साथ सरकार चला रही है. 

इस मामले में काग्रेस पार्टी संघर्ष करती नजर आ रही है. कर्नाटक में कांग्रेस मंत्री डीके शिवकुमार के लिंगायत मुद्दे पर कांग्रेस सरकार के दखल को गलती बताने और हाथ जोड़कर माफ मांगने को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर है. वहीं पूर्व सीएम सिद्धारमैया के लिए भी यह बयान शर्मिंदगी का कारण बना हुआ है. 

Advertisement

Published November 1st, 2018 at 16:54 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

1 दिन पहलेे
1 दिन पहलेे
3 दिन पहलेे
3 दिन पहलेे
4 दिन पहलेे
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo