अपडेटेड 30 April 2024 at 15:03 IST

अमित शाह फेक वीडियो केस में तेलंगाना CM रेड्डी को भी नोटिस, पूछताछ में नहीं आए तो आगे क्या होगा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में जांच तेज हो गई। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।

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सीएम रेवंत रेड्डी | Image: pti

Amit Shah Fake Video Case: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में जांच तेज हो गई। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है। मामले में जांच का दायरा बढ़ गया है। तेलंगाना में पहले ही 5 नेताओं को नोटिस दिया जा चुका है। इन 5 नेताओं में सीएम रेवंत रेड्डी का भी नाम है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को कल यानी बुधवार को पूछताछ के लिए बुला सकती है।

दिल्‍ली पुलिस का कहना है कि हमने रेवंत रेड्डी को तेलंगाना के सीएम के तौर पर नही बल्कि तेलंगाना कांग्रेस पार्टी के प्रेजिडेंट के तौर पर नोटिस सर्व किया है। इनके अलावा 4 और तेलंगाना कांग्रेस के लोगो को सीआरपीसी 160,91 के तहत नोटिस देकर पूछताछ में आने और अपना मोबाइल लैपटॉप लाने को कहा है।

इस नोटिस के मायने क्या है?

सीआरपीसी 160,91 नोटिस में पूछताछ में आना बेहद जरूरी होता है। आप इसे नजरअंदाज नही कर सकते। बेशक आप खुद आए या आपका पक्ष रखने आपका कोई लीगल रिप्रजेंटेटिव आए। उम्मीद है कल तेलंगाना सीएम नही पर उनकी तरफ से कोई वकील उनका पक्ष रखने जरूर आएगा।

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पुलिस के मुताबिक कुल 16 लोगो को समन दिए गए है जिसमे तेलंगाना कांग्रेस के अलावा नागालैंड, यूपी, झारखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के लोग शामिल हैं। ज्यादातर लोग कांग्रेस और सपा से जुड़े हुए हैं, लोकल लीडर्स भी हैं। इन लोगो ने मकसद के साथ कैप्शन लिखकर गृह मंत्री अमित शाह का वीडियो री-पोस्ट करके सर्कुलेट किया है।

इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने ट्विटर से जवाब मांगा है कि सबसे पहले ये वीडियो किसने पोस्ट किया। सबसे पहले डॉक्टर्ड वीडियो पोस्ट करने वाले कि पहचान करना जरूरी है क्योंकि उसी से पूछताछ करके इस वीडियो की मंशा का पता लगेगा

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ट्विटर ने ये सभी ट्वीट हटा तो लिए हैं लेकिन अभी तक दिल्ली पुलिस को जवाब नही दिया है। यहां तक ट्विटर ने दिल्ली पुलिस से कुछ डिटेल्स मांगी थी जो दिल्ली पुलिस की तरफ से ट्विटर को भेज दी गई है और अब ट्विटर के जवाब का इंतजार है कि ये पोस्ट सबसे पहले किसकी तरफ से किया गया है। एफआईआर में कई ऐसे सेक्शन है जो गैर जमानती है, कई ऐसे सेक्शन है जिसमे 3 और 7 साल की सजा भी है।

नोटिस को अगर नजरअंदाज किया जाता है तो?

सीआरपीसी 160,91 के नोटिस को नजरअंदाज नही किया जा सकता अगर कोई ऐसा करता है तो वही लीगल प्रोसेस होगा जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ईडी के समन में हुआ था। अगर आप नही आते या आपकी तरफ से आए लीगल रिप्रजेंटेटिव से दिल्ली पुलिस संतुष्ट नही होती तो आपको नया नोटिस दिया जाएगा।

अगर आप तीन चार नोटिस के बाद भी नही आएंगे तो पुलिस कोर्ट जाकर आपको कोर्ट से आदेश कराएगी और जरूरत पड़ने पर गैर जमानती वारंट भी जारी कराया जा सकता है।

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 30 April 2024 at 15:03 IST