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Updated April 30th, 2024 at 14:04 IST

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस-INDI को झटके पे झटका; सूरत के बाद इंदौर में शादी से पहले 'दूल्हा' गायब

मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर चुनाव से पहले कांग्रेस उम्मीदवार ने मैदान छोड़ दिया। इससे इंदौर लोकसभा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार कांग्रेस 'बे-उम्मीदवार' गई।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
Akshay Kanti Bam and nilesh kumbhani
अक्षय कांति बम और नीलेश कुम्भाणी | Image:X/Facebook
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Lok Sabha Election 2024: जैसे कोई दूल्हा शादी से पहले घोड़ी से ही भाग जाए, आजकल कांग्रेस का हाल वही हो चुका है। पहले गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस को बिना चुनाव लड़े ही हार मिल गई, क्योंकि उसके प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया था। अब मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर चुनाव से पहले ही पार्टी उम्मीदवार ने मैदान छोड़ दिया। इससे इंदौर लोकसभा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार कांग्रेस 'बे-उम्मीदवार' हो चुकी है। साथ ही उसकी चुनावी चुनौती समाप्त हो गई, जहां वो पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है।

सूरत के घटनाक्रम के बाद इंदौर में राजनीतिक परिदृश्य ने कांग्रेस और INDI गठबंधन को तगड़ा झटका दिया है। कुल मिलाकर दोनों सीटों पर चुनाव के बिना ही कांग्रेस और INDI गठबंधन के खाते में हार लगभग लिख चुकी है।

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इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी ने मैदान छोड़ा

इंदौर की कहानी को देखा जाए तो 29 अप्रैल के दिन अक्षय कांति बम ने ऐसा विस्फोट किया कि कांग्रेस चारों खाने चित हो गई। इंदौर सीट को भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ कहा जाता है। यहां बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी हैं, जिसके खिलाफ कांग्रेस ने एकदम नये-नवेले चेहरे अक्षय कांति को अपना उम्मीदवार बनाया था। अक्षय कांति के राजनीतिक करियर का ये पहला चुनाव था। उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि अक्षय ने कांग्रेस के खिलाफ ही क्रांति कर दी। उन्होंने सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। एक और झटका कांग्रेस को देते हुए वो बीजेपी में शामिल हो गए। इससे इंदौर में कांग्रेस की चुनावी चुनौती भी खत्म हो गई।

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सूरत में निर्विरोध जीत गई बीजेपी

इंदौर से पहले सूरत में जो घटनाक्रम देखा गया, उसमें बीजेपी निर्विरोध जीत भी चुकी है। ये इसलिए हुआ कि सूरत से चुनाव लड़ने के लिए खड़े हुए कांग्रेस के कैंडिडेट नीलेश कुम्भाणी का नामांकन पत्र खारिज हो गया था। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस स्थिति में चुनाव आयोग ने कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन पत्र अमान्य कर दिया, जिससे गुजरात की प्रमुख विपक्षी पार्टी सूरत के चुनाव मैदान से बाहर हो गई।

गुजरात में कांग्रेस और AAP गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने 26 में से 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि AAP भावनगर और भरूच से चुनाव लड़ रही है। गुजरात में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा। उसके पहले सूरज सीट बीजेपी के खाते में आ गई।

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Published April 30th, 2024 at 14:04 IST

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