Updated April 17th, 2024 at 19:53 IST
‘शहीद पार्टियों से ऊपर होते हैं’, BJP में आए बिट्टू ने दादा बेअंत सिंह का जिक्र कर कांग्रेस को कोसा
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रवनीत बिट्टू ने पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री और अपने दादा बेअंत सिंह का जिक्र कर कांग्रेस को कोसा है।
- इलेक्शंस
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Lok Sabha Election: देश में इस वक्त चुनावी माहौल है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर सियासी हलचल तेज है। वोटिंग के दिन अब नजदीक हैं, लिहाजा सभी पार्टियों और नेताओं की रैलियों और जनसभाओं में और तेजी आई है। इस दौरान राजनीतिक दल एक-दूसरे को घेर रहे हैं और जनता से वोट मांग रहे हैं।
वहीं चुनाव से पहले दल-बदल का खेल भी बदस्तूर जारी है। कोई कांग्रेस (Congress) से बीजेपी (BJP) तो कोई बीजेपी से कांग्रेस में जा रहा है। पार्टी छोड़ने के पीछे अलग-अलग कारणों की दुहाई दी जा रही है। ऐसे ही एक नेता रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं, जो लगातार कांग्रेस को घेर रहे हैं। पंजाब (Punjab) के लुधियाना (Ludhiana) से सांसद बिट्टू ने पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री और अपने दादा बेअंत सिंह (Beant Singh) का जिक्र कर कांग्रेस को जमकर कोसा है।
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‘शहीद पार्टियों से ऊपर होते हैं’
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बता दें कि सरदार बेअंत सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। 1995 में खालिस्तानियों ने उनकी कार को बम से उड़ा कर बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। इसके बाद पंजाब में माहौल काफी संवेदनशील हो गया था। अपने दादा की हत्या की वजह से रवनीत सिंह बिट्टू शुरू से ही खालिस्तान और खालिस्तानियों के विरोध में रहे हैं। उन्होंने लगातार खालिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई है। इस बीच अब उन्होंने अपने दिवंगत दादा बेअंत सिंह का जिक्र कर कांग्रेस को लताड़ा है। बिट्टू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा-
शहीद पार्टियों से ऊपर होते हैं। कांग्रेस ने मेरे दादा जी की सर्वोच्च कुर्बानी को कभी भी मान्यता नहीं दी। पंजाब कांग्रेस कमेटी बताए कि 25 साल में चुनाव या पार्टी के कार्यक्रमों में मेरे दादा की कुर्बानी का कभी जिक्र भी किया? चंडीगढ़ कांग्रेस भवन के सामने से बेअंत सिंह जी की प्रतिमा क्यों हटाई गई?
कट्टर कांग्रेसी माने जाते थे बिट्टू
अपने दिवंगत दादा बेअंत सिंह की तरह रवनीत सिंह बिट्टू को भी कट्टर कांग्रेसी और राहुल गांधी का करीबी माना जाता था, लेकिन पिछले महीने उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। बिट्टू ने कांग्रेस में रहकर पंजाब के लिए कुछ न कर पाने की बात कही। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी पंजाब के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। रवनीत बिट्टू के अब तक के राजनीतिक करियर की बात करें तो वो तीन बार के सांसद हैं। वो लुधियाना से लगातार दो बार 2014 और 2019 में सांसद चुने गए थे, जबकि 2009 में कांग्रेस ने उन्हें आनंदपुर साहिब से टिकट दिया था और वो वहां से भी जीते थे।
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Published April 17th, 2024 at 19:48 IST
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