Updated April 5th, 2024 at 10:04 IST
...तो क्या इसलिए अमेठी पर कांग्रेस नहीं उतार रही उम्मीदवार, दामाद की इच्छा पूरा करेंगी सोनिया?
रॉबर्ट वाड्रा ने 2 साल बाद फिर से चुनावी समर में भाग्य आजमाने की इच्छा जताई। इस बार अमेठी का नाम लिया है।
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Robert Vadra: राहुल वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि अमेठी पर कांग्रेस सांसद दांव नहीं लगाएंगे। इस बीच प्रियंका गांधी के पति और फैमिली के दामाद ने मीडिया के सामने आ बयान दे दिया। कहा- अमेठी की जनता चाहती है कि मैं कदम रखूं और यहां से सांसद बनूं।
तो क्या वाड्रा का ये बयान इशारा है कि वो कांग्रेस के टिकट पर अमेठी से ताल ठोकेंगे, क्या सास सोनिया गांधी उनके सपने को पूरा करेंगी? और क्या इसलिए अमेठी- रायबरेली की सीट पर दावेदारी घोषित नहीं की गई है?
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वाड्रा ने खुलकर कह दी दिल की बात
रॉबर्ट वाड्रा ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, ''अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम अमेठी में रखूं और यहां से सांसद बनूं। मौजूदा सांसद ने कुछ काम नहीं किया है। सिर्फ गांधी परिवार पर इल्जाम लगाया है। अमेठी के लोगों को यह एहसास हो गया है कि उन्होंने स्मृति जी को जिता कर गलती की है। वे लोग चाहते हैं कि अब यहां से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़े। वे मेरी तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। गांधी परिवार ने शुरू से यहां के लोगों के लिए बहुत मेहनत की है। दिन-रात एक किया है।''
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कांग्रेस अमेठी पर क्लियर नहीं
इंडी गठबंधन के तहत कांग्रेस को 17 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने हैं। इनमें से 13 पर प्रत्याशी खड़े किए जा चुके हैं जबकि 4 बाकी हैं। इनमें से दो नाम खासतौर पर चर्चा में हैं। हाई प्रोफाइल सीटें हैं। एक अमेठी और दूसरा रायबरेली। दोनों ही लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहे। सबकी नजर गड़ी है फिर भी इस बार दोनों पर किसी को टिकट नहीं थमाया गया। भाजपा ने पहले ही स्मृति ईरानी को अमेठी से खड़ा करने का ऐलान कर दिया है। पिछली बार उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए राहुल को पटखनी दी थी। इसके बाद से ही गांधी परिवार कन्नी काटता सा दिख रहा है। सूत्रों की मानें तो पार्टी से जो संकेत मिल रहे हैं, वो बताते हैं कि राहुल इस बार अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेंगे। तो वहीं प्रियंका गांधी भी कुछ खास उत्साहित नहीं दिख रहे हैं। सोनिया राज्यसभा का रास्ता तय कर चुकी हैं। इस परिवार के दामाद हैं वाड्रा जिन्होंने खुलकर पत्ते फेंक दिए हैं। जता दिया है कि वो सक्रिय राजनीति में एंट्री मारने को तैयार हैं।
तब मुरादाबाद अब अमेठी!
2 साल पहले भी वाड्रा ने कहा था कि वे राजनीति में आने का फैसला परिवार से विचार विमर्श करने के बाद लेंगे। कहा था चूंकि मुरादाबाद से उनका पुराना नाता है, पुरखे भी वहीं से थे तो उन्हें लगता है दावेदारी वहीं से ठोकी जानी चाहिए। वो चाहते हैं कि वहां से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले। अब 2 साल बाद रॉबर्ट वाड्रा ने कुछ ऐसी ही बात कही है, बस फर्क इतना है कि इस बार अमेठी सीट को लेकर अपनी ख्वाहिश जाहिर की है। फिलहाल पार्टी के भीतर जिस तरह का कंफ्यूजन है उसमें सोनिया-राहुल- प्रियंका गायब हैं तो ऐसे में वाड्रा की एंट्री तय मानी जा सकती है।
मैसेज क्या?
भले रॉबर्ट ताल ठोक रहे हों लेकिन कांग्रेस के लिए उन्हें लॉन्च करना फिलहाल जोखिम भरा हो सकता है। परिवारवाद पर घेरे जाएंगे। सभी जानते हैं कि 10 सालों से बीजेपी परिवारवाद पर कांग्रेस को लताड़ती आई है। इधर भाजपा ने लालू के तंज बाद मोदी का परिवार कैंपेन शुरू किया है। बहुत सोची समझी रणनीति के तहत इसे शुरू किया गया है। स्पष्ट संकेत कि बीजेपी का परिवार आम लोग हैं खूनी रिश्ते या फिर रिश्तेदार नहीं। ऐसे में अगर वाड्रा का नाम आगे आता है तो आम लोगों में कांग्रेस की नेगेटिव इमेज बनेगी। ठप्पा लग जाएगा कि कांग्रेस परिवारवाद की पोषक है और विरोधियों को ताबड़तोड़ प्रहार करने का मौका भी मिल जाएगा।
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Published April 5th, 2024 at 09:06 IST
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