Updated April 1st, 2019 at 12:09 IST
दुश्मन की अब खैर नहीं: अंतरिक्ष में फिर भारत ने रचा इतिहास, 28 नैनो सैटेलाइट्स लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में लगातार एक के बाद एक झंडे गाड़ता जा रहा है।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में लगातार एक के बाद एक झंडे गाड़ता जा रहा है। जिससे भारत विज्ञान जगत में नया उड़ान भरने का काम कर रहा है। इसी बीच आज 01 अप्रैल, 2019 को भारत ने अंतरिक्ष में एक बार फिर इतिहास रच दिया है। आज इसरो के मिलिट्री सैटेलाइट एमिसेट की लॉन्चिंग हुई। जिसके तहत 28 नैनो सैटेलाइट्स लॉन्च हुए।
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया और पीएसएलवी-सी 45 रॉकेट से सुबह 9:27 बजे लॉन्चिंग की गई और उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। इस मिशन में अमेरिका के 24 सैटेलाइट्स और 2 लिथुआनिया के और 1-1 सैटेलाइट स्पेन और स्विट्जरलैंड के हैं।
27 मार्च को भारत ने स्पेस मिसाइल का इस्तेमाल कर एक लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट को मार गिराने में कामयाबी पाई थी, हम लगातार अतंरिक्ष में झंडे गाड़ रहे हैं। जिससे दुश्मनों भी हैरान और परेशान हैं।
27 घंटे की गिनती खत्म होने के बाद इसरो के विश्वसनीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-क्यूएल के नए प्रकार करीब 50 मीटर लंबे रॉकेट का यहां से करीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोट अंतरिक्ष केंद्र से सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर प्रक्षेपण किया गया।
एमीसैट उपग्रह का उद्देश्य विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम को मापना है।
दुश्मन की खैर नहीं
- सबसे अचूक मिलिट्री सैटेलाइट
- अंतरिक्ष से 'आतंक' पर नज़र
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम मापने में मदद
- दुश्मन के रडार सिस्टम पर नज़र
- लोकेशन का भी पता लगाया जा सकेगा
- सटीक इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने में मददगार
- मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर नज़र
- मोबाइल से बातचीत को डिकोड करेगा
यह मिशन इस लिहाज से विशेष था क्योंकि यह पहली बार PSLV की एक ही फ्लाइट में थ्री ऑर्बिट मिशन हुआ, पहली बार ऐसा हुआ कि इसरो ने अपने किसी मिशन के जरिए तीन उपग्रहों को तीन अलग अलग कक्षाओं में स्थापित किया। जिसे हम आम भाषा इसरो का थ्री इन वन मिशन कह सकते हैं।
क्या है EMISAT
आपको बताते हैं कि आज PSLV-C45 जिस एमीसैट को अतंरिक्ष में स्थापित किया वो देश की सुरक्षा के लिहाज से क्यों बेहद अहम है। एक रणनीतिक सैटेलाइट है, जिसका EMISAT का वजन 436 किलोग्राम है, EMISAT दुश्मनों के रडार स्टेशनों की निगरानी करेगा, इसके साथ ही दुश्मनों के रडार स्टेशनों की लोकेशन भेजेगा।
इसरो की नई उड़ान
- PSLV-C 45 की मदद से लॉन्चिंग
- 28 उपग्रहों का कुल वजन 220 Kg
- PSLV की ये 47वीं उड़ान
- PSLV सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल
- 7 देशों के 104 सैटेलाइट्स लॉन्च हुए थे
- 15 फरवरी 2017 को हुए थे लॉन्च
- सैटेलाइट्स लॉन्च का रिकॉर्ड बना था
- 2014 में 37 सैटेलाइट्स लॉन्च हुए थे
इसरो ने बताया कि इन सभी उपग्रहों का वाणिज्यिक समझौतों के तहत प्रक्षेपण किया जा रहा है। फरवरी में इसरो ने फ्रेंच गुआना से भारत का संचार उपग्रह जीसैट-31 प्रक्षेपित किया था।
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Published April 1st, 2019 at 12:01 IST
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