Updated January 27th, 2019 at 18:28 IST
अजय राय का बड़ा दावा, ''अगर प्रियंका बनारस से लड़ेंगी चुनाव, तो जब्त हो जाएगी PM मोदी की जमानत''
अजय राय ने पीएम मोदी के खिलाफ खूब ज़हर उगला. कांग्रेस नेता का कहना है, ''पीएम मोदी काशी में धर्म के रक्षक बनकर आए थे लेकिन वो अब धर्म के 'भक्षक' बन गए हैं.''
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साल 2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. हर किसी ने अपने-अपने दांव आजमाना शुरू कर दिया है. चुनाव के मद्देनज़र अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो पूरे देश की निगाहें इस ही सूबे पर टिकी होती हैं. माना जाता है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का रास्ता यूपी के सियासी गलियारे से होकर ही जाता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी भी इस बार फुल तैयारी में दिखाई दे रही है.
यूपी के किले को फतेह करने के मकसद के साथ कांग्रेस पार्टी ने पहला दांव खेल दिया है. सियासी दांव पेंच के बीच जब से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव और पूर्वांचल प्रभारी के तौर पर आगे किया है. राजनीतिक हलचल परवान पर है. इस बीच पूर्व विधायक और साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस से ताल ठोकने वाले कांग्रेसी नेता अजय राय ने 2019 चुनाव में प्रियंका गांधी को काशी की धरती से दंभ भरने की गुजारिश की है.
रिपब्लिक भारत से बात करते हुए अजय राय ने पीएम मोदी के खिलाफ खूब ज़हर उगला. कांग्रेस नेता का कहना है, 'पीएम मोदी काशी में धर्म के रक्षक बनकर आए थे लेकिन वो अब धर्म के ''भक्षक'' बन गए हैं.'
प्रियंका गांधी के राजनीति में कदम रखने के बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बीच अजय राय ने बताया कि वाराणसी जिला कांग्रेस कमेटी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रस्ताव पत्र भेजा है. जिसमें ये अपील की गई है कि प्रियंका गांधी को इस बार वाराणसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जाए.
लोकसभा चुनाव में बनारस की भूमिका..
मान्यता के मुताबिक काशी विश्व के सबसे प्राचीन शहर के नाम से विख्यात है. धर्म और आस्था के दृष्टिकोण से बनारस का अपना अलग ही महत्व है. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद यहां से चुनाव लड़ा था. उस वक्त पीएम मोदी ने ये कहा था, ''मां गंगा ने मुझे बुलाया है''. इस वक्त देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से ही सांसद हैं. ऐसे में जाहिर तौर पर भारतीय जनता पार्टी इस सीट को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देगी. वहीं अगर अजय राय की इस मांग को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मान लेते हैं तो इस बार का चुनाव वाकई काफी दिलचस्प हो जाएगा.
''अगर प्रियंका बनारस से लड़ेंगी चुनाव, तो जब्त हो जाएगी पीएम मोदी की जमानत''
वाराणसी जिला कांग्रेस के नेताओं और पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि अगर वाराणसी लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी उतरेंगी तो पीएम मोदी की जमानत जब्त हो जाएगी. अजय राय ने ये दावा किया कि प्रियंका गांधी हमेशा से ही राजनीति में काफी सक्रिय रही हैं. ऐसे में उन्हें इस बार बनारस से चुनाव लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की जमानत जब्त हो जाएगी.
क्या PM मोदी फिर काशी से आजमाएंगे दांव?
इस बात में काफी असमंजस है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से बनारस की रणभूमि पर अपना दांव आजमाएंगे. उड़ती-उड़ती खबरों के बीच हाल ही में पीएम मोदी से ANI को दिए एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि इस बार ये खबर मिल रही है कि आप ''पुरी'' से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि कुछ बातें मीडिया के लिए भी छोड़ देनी चाहिए. आप पता लगाइये.
बनारस में क्या है अजय राय का वर्चस्व?
बता दें, कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता के रूप में माने जाने वाले अजय राय वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें साल 2014 में बीजेपी के PM उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ सीधे टक्कर लेने के लिए मैदान में उतारा था. हालांकि उस वक्त मोदी लहर के बीच अजय राय को हार का सामना करना पड़ा था. बता दें, उस वक्त नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी चुनाव लड़ा था.
मोदी के PM बनने के बाद महीनों जेल में रहे अजय राय..
उस वक्त गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर काफी हंगामा बरपा हुआ था. साधू-संत सड़कों पर उतरकर ये मांग कर रहे थे कि गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने के फैसले को वापस लिया जाए. काशी में हजारों की संख्या में साधू-संत इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. जिस दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज करके हालात पर काबू पाने की कोशिश की. अजय राय ने बताया कि उस वक्त वो भी साधू-संतों पर लाठीचार्ज के विरोध में सड़क पर उतरे थे. जिसके बाद उन्हें महीनों के लिए जेल में ठूस दिया गया. वो दौर उनके कठिन दौर में से एक था. हालांकि हाईकोर्ट में अपील के बाद अजय राय को रिहा कर दिया गया.
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बहरहाल, किसका पलड़ा कितना भारी है और आगामी चुनाव में क्या होता है इसे जानने के लिए हर कोई बेकरार है. हर कोई टक-टकी लगाए बैठा है कि इस बार सत्ता की बागडोर किसके हाथों में जाएगी. इस असमंजस का जवाब तो आने वाले वक्त में ही मिल पाएगा.
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Published January 27th, 2019 at 17:54 IST
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