Updated September 23rd, 2021 at 20:11 IST
'प्राइवेट शूटर को दी बंदरों को मारने की सुपारी': वन विभाग के खड़े हुए कान, जांच में जुटे अधिकारी
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कबीरधाम जिले के कोठार गांव में बंदरों (Monkey) की तबाही से परेशान गांव के लोगों ने ऐसा कदम उठाया जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे।
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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कबीरधाम जिले के कोठार गांव में बंदरों (Monkey) की तबाही से परेशान गांव के लोगों ने ऐसा कदम उठाया जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल बंदरों के समूह (Monkey Gang) ने गांव के लोगों की फसलें बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया था। इसलिए बंदरों (Monkey Gang Shooter) से नाराज लोगों ने इन बंदरों की जीवन लीला समाप्त करने के लिए प्रोफेशनल शूटर (Monkey Shooter) को काम पर रखा था। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, वन विभाग के अधिकारियों ने साइट का दौरा किया और इस घटना के पीछे के कारण का पता लगाया। वन विभाग के अधिकारियों ने गांव में मामले की विस्तार से जांच करने के लिए वन रेंजरों को तैनात किया था। वन विभाग के अधिकारियों ने कोठार गांव के आसपास के वन क्षेत्रों में अन्य जानवरों (Chhattisgarh Monkey Gang Shooter) को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक टीम का गठन किया गया था।
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पुलिस अधिकारियों के अनुसार जब वह पहली बार कोठार पहुंचे, तो उन्हें एक बंदर का शव मिला। जांच आगे बढ़ी तो अलग-अलग इलाकों से ऐसे कई शव मिले। बता दें, वन रेंजर की टीम को बिरकोना में एक घायल बंदर भी मिला, जिसे तुरंत इलाज की सुविधा के लिए ले जाया गया। दूसरी तरफ बंदरों के मौत का कारण पता करने के लिए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमॉर्टम के दौरान शवों से छर्रे मिले, जिससे बंदरों की हत्या की पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ। पाए गए छर्रे का संबंध एक एयर गन से है जिसका इस्तेमाल आरोपी जानवरों को मारने के लिए करते थे।
जानवरों की निर्मम हत्या के बारे में बोलते हुए वन प्रभागीय अधिकारी दिलराज प्रभाकर ने एएनआई से कहा, "ग्रामीणों ने शूटर को काम पर रखा है। जांच के लिए एक टीम बनाई गई है। शूटर कोसमांडा गांव का निवासी है। वह फरार था। हालांकि उसे वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है और उसे अदालत में पेश किया जाएगा। आरोपी के पास एक एयर गन बरामद की गई है जिससे उसने बंदरों को गोली मार दी थी।" मामले में पुलिस ने आश्वासन दिया कि आगे की जांच जारी है और योजना के पीछे का मास्टरमाइंड को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। वही रेंजर की टीम अलग-अलग गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को जागरूक कर रही हैं। वन्य जीव (संरक्षण) कानून के तहत बंदरों को मारना गैर कानूनी है और इस पर कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है।
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Published September 23rd, 2021 at 20:00 IST
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