Updated April 25th, 2024 at 15:09 IST
कन्नौज की पिच पर अखिलेश ने बल्ला थाम दिया चैलेंज- 'पहली गेंद पर छक्का न मारा तो हम समाजवादी नहीं...'
कन्नौज में सुब्रत पाठक 2019 वाला प्रदर्शन दोहराने का दावा करते हुए ताल ठाक रहे हैं। इधर अखिलेश यादव ने सीट पर फिर से कब्जा करने के लिए मोर्चा संभाला है।
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Kannauj: कन्नौज के सियासी मैदान पर दो धुरंधरों के बीच महामुकाबला होने जा रहा है। बीजेपी के सुब्रत पाठक कन्नौज की चुनावी लड़ाई को 'भारत बनाम पाकिस्तान' वाला मैच बता रहे हैं, तो अखिलेश यादव ने भी जवाब दे दिया है कि 6 की 6 बॉल पर छक्का मारेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुब्रत पाठक 2019 वाला प्रदर्शन दोहराने का दावा करते हुए सियासी मैदान पर ताल ठाक रहे हैं। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर फिर से कब्जा करने के लिए पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। इसी के साथ दोनों धुरंधरों के बीच वॉकयुद्ध भी छिड़ चुका है।
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ये भारत और पाकिस्तान वाला मैच- सुब्रत पाठक
बीजेपी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक कहते हैं- 'मैच अगर एकतरफा होता है तो बिल्कुल मजा नहीं आता है। तेज प्रताप के साथ अगर ये मैच होता तो भारत नेपाल से मैच होता। अब ये भारत और पाकिस्तान वाला मैच होगा। उनकी विचारधारा पाकिस्तानी है। वो एक विशेष समुदाय के माफिया के घर गए। इनको जवाब जनता देगी।' उन्होंने आगे कहा- 'सपा के लिए अखिलेश अखिलेश होंगे, हमारे लिए नहीं हैं। हमारे लिए विपक्ष के नेता हैं।' सुब्रत का कहना है- 'अखिलेश को परिणाम देख रहे हैं। इसलिए अखिलेश को अपने तेज प्रताप की टिकट काटकर मेरे खिलाफ आना पड़ा। वो जानते हैं कि उनके लिए लड़ाई आसान नहीं है।'
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'पहली गेंद पर छक्का नहीं मारा तो हम समाजवादी नहीं'
सुब्रत पाठक के 'भारत बनाम पाकिस्तान मैच' वाले बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'ना तो वो गेंद फेंक पाएंगे और ना ही बल्ला घुमा पाएंगे। अगर पहली गेंद पर छक्का नहीं मारा तो हम भी समाजवादी नहीं। हम सभी छह गेंदों पर छक्के लगाएंगे।'
अखिलेश और सुब्रत ने अपना पर्चा भरा
कन्नौज की सियासी लड़ाई के महारथियों का नाम आखिरकार फाइनल हो गया है। उत्तर प्रदेश की वीवीआईपी लोकसभा सीटों में शुमार इत्रनगरी कन्नौज के लिए नामांकन के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पर्चा दाखिल किया, तो बीजेपी की तरफ सुब्रत पाठक ने पर्चा भरा। समाजवादी पार्टी के गठन के साथ ही इस सीट पर उसका दबदबा कायम रहा। साल 1998 से लेकर 2019 तक लगातार इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है, लेकिन 2019 में बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने इतिहास रचते हुए डिंपल यादव को चुनावों में मात दी थी।
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Published April 25th, 2024 at 15:09 IST
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