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Updated April 19th, 2024 at 18:42 IST

Ravi Pradosh Vrat 2024: कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? क्या है इसका महत्व, कैसे करें शिवजी को प्रसन्न

धार्मिक मान्यता के मुताबिक प्रदोष व्रत शिवजी की विशेष कृपा पाई जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं अप्रैल का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) कब है।

Reported by: Sadhna Mishra
pradosh vrat 2024
कब रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत? | Image:Freepik
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Kab Hai Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है। इस व्रत में महादेव के साथ-साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति इस व्रत को पूरे श्रद्धा भाव से रखता है और विधिवत पूजा अर्चना करता है, तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित है। वहीं यह तिथि जिस दिन पड़ती है इसे उसी नाम से जाना जाता है और इसका वैसा ही महत्व होता है। तो चलिए जानते हैं कि अप्रैल महीने का आखिरी प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा (April Pradosh Vrat) और इस दिन की पूजा विधि क्या है।

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कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत?  (Kab rakha Jayega Pradosh Vrat)

पंचांग के मुताबिक चैत्र माह (Chaitra Maah Ka Pradosh Vrat) के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल की रात 10 बजकर 41 मिनट से होगी, जिसका समापन 22 अप्रैल की रात 1 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 21 अप्रैल दिन रविवार का रखा जाएगा। इस बार यह रविवार (Ravi Pradosh Vrat) को पड़ रहा है, जिसकी वहज से इसका नाम रवि प्रदोष व्रत पड़ा है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

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रवि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त? (Ravi Pradosh Vrat Muhurat)

प्रदोष व्रत में शिव जी के साथ माता पार्वती (Mata Parvati) की भी पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत में पूजा शाम के समय में की जाती है। पंचांग के मुताबिक 21 अप्रैल (April 2024) दिन रविवार को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 6 बजकर 51 से लेकर रात में 9 बजकर 2 मिनट तक है। ऐसे में इस बीच आप कभी भी पूजा कर सकते हैं।

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रवि प्रदोष व्रत का महत्व क्या है?

धार्मिक मान्यता के मुताबिक रवि प्रदोष व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुख, शांति और लंबी आयु का वरदान मिलता है। साथ ही प्रदोष व्रत का संबंध सूर्य देव (Surya Dev) से होता है। ऐसे में अगर किसी की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है, तो उसके लिए रवि प्रदोष व्रत करना बहुत ही शुभ फलदायी हो सकता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को मान-सम्मान, यश, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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रवि प्रदोष व्रत पर कैसे करें शिव जी को प्रसन्न

  • अगर इस दिन आप भोले बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान करें।
  • फिर भगवान शंकर की माता पार्वती के साथ एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर तस्वीर रखें।
  • फिर उनकी विधिवत पूजा अर्चना करें। साथ ही मंत्रों का उच्चारण भी करें। ऐसा करने पर भोले बाब बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं।
  • इसके बाद शाम के समय में भी ठीक इसी तरह से शंकर जी और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published April 19th, 2024 at 17:08 IST

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