अपडेटेड 17 May 2024 at 15:19 IST
Pawan Singh: काराकाट का खेला बाकी है! पवन सिंह की दावेदारी पर आज खत्म होगा सस्पेंस
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए नामांकन वापस लेने का आज आखिरी दिन है। चर्चा में एक्टर पवन सिंह की हॉट सीट काराकाट भी है।
- चुनाव न्यूज़
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Lok Sabha Election 2024: 17 मई की शाम तक स्पष्ट हो जाएगा कि भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार पवन सिंह काराकाट से चुनावी समर में अपना दम खम दिखाएंगे या फिर स्वेच्छा से दावा छोड़ देंगे। कयास कई तरह के लगाए जा रहे हैं। शाम 3 बजे तक इस पर से पर्दा उठ जाएगा। स्पष्ट हो जाएगा कि एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को पवन सिंह टक्कर देने के लिए तैयार हैं या अड़ने का फैसला डाल दिया है।
लोकसभा चुनाव के फाइनल फेज यानि 1 जून को होने वाले चुनाव की नाम वापसी का आज अंतिम दिन है। इसमें टॉक ऑफ द टाउन सीट काराकाट सीट है। वो सीट जहां से पवन सिंह ने निर्दलीय दावेदारी पेश की। लेकिन फिर मां प्रतिमा देवी ने भी पर्चा दाखिल कर दिया और फिर तमाम तरह की अफवाहों ने जोर पकड़ लिया।
अड़ेंगे या भिड़ेंगे?
पवन सिंह चुनावी समर में नाम वापस ले लेंगे, अपनी जगह मां को लड़ाएंगे या चुनावी समर में भिड़ने को तैयार होंगे इस राज का फाश आज हो जाएगा। वैसे, नामांकन दाखिल करने से लेकर चुनावी सभाओं तक में इस भोजपुरा स्टार की धमक दिखी। कुल मिलाकर शो हाउस फुल ही दिखा यानि समर्थकों का रेला झूमता गाता नजर आया। सिंह की एंट्री के बाद एकतरफा जीत के दावे को झटका लगा। समीकरण को लेकर तमाम तरह की बातें कही जाने लगीं। पवन सिंह के चुनाव में रहने से एनडीए का समीकरण थोड़ा डिगा। उपेन्द्र कुशवाहा को कड़ी टक्कर देंगे ये कहा जाने लगा। लेकिन फिर प्रतिमा देवी के नामांकन ने एक झटके में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी।
संभावना पूरी है कि मां को बतौर डमी कैंडिडेट उतारने वाले पवन खुद चुनाव लड़ेंगे। मां- बेटे दोनों का नामांकन वैध है और इस स्थिति में दोनों में से एक की नाम वापसी तय है। एक्टर हर मंच पर कहते आए हैं कि काराकाट की जनता का प्यार और साथ उन्हें मिल रहा है और वो मैदान में डट कर लड़ेंगे। बयान तब आया जब अफवाहें जोरों पर थीं कि भाजपा की ओर से इन पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। मनोज तिवारी ने भी बात करने की बात कही थी। इस सवाल के जवाब में पवन ने कहा था- मनोज तिवारी को बड़ा भाई मानता हूं... लेकिन मां के आशीर्वाद से काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का अटल निश्चय कर लिया है। उनकी उम्मीदवारी पक्की है। इसलिए फिलहाल नाम वापस लेने की कोई संभावना नहीं है।
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‘नाम नहीं लूंगा वापस’
पवन सिंह का काराकाट की सड़कों पर निकाली गई रैली शानदार थी। 2 करोड़ की लैंड रोवर से निकले तो सब देखते रह गए। इससे पहले आसनसोल से बीजेपी ने टिकट दिए जाने का ऐलान भी किया था। लेकिन सिंह ने इनकार कर दिया था। जब यहां शक्ति प्रदर्शन किया तो शोर मचा कि बातचीत जारी है शायद पीछे हट जाएं लेकिन पवन सिंह ने साफ कर दिया कि वो काराकाट से चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि उन्होंने अपनी मां से वादा किया था।
पवन सिंह की एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय
पवन सिंह की काराकाट में धुआधार एंट्री ने इस सीट को हॉट बना दिया है। पहले इस पर NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही थी। NDA की ओर से यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलएम अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं जबकि महागठबंधन की ओर से सीपीआईएमएल के राजाराम सिंह मैदान में हैं। पवन सिंह की एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। इसकी गवाही प्रशंसकों और समर्थकों का हुजूम बताता है।
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काराकाट सीट का समीकरण
काराकाट लोकसभा क्षेत्र 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया। जहां तक जातीय समीकरण की बात है तो काराकाट लोकसभा क्षेत्र में यादव वोटर्स सबसे ज्यादा हैं। इनकी आबादी कुल 3 लाख है तो ढाई लाख कोइरी-कुर्मी, करीब डेढ़ लाख मुस्लिम, 2 लाख राजपूत, वैश्य 2 लाख, ब्राह्मण 75 हजार और भूमिहार आबादी 50 हजार के करीब है। यहां 2014 में उपेंद्र कुशवाहा जीते तो 2019 में हार का सामना करना पड़ा।2024 में उन्हें एनडीए गठबंधन में फिर आजमाया जा रहा है। कुशवाहा और राजाराम सिंह पुराने खिलाड़ी हैं तो पवन सिंह के साथ उनका स्टारडम है। जनता किसका साथ देगी किससे पलड़ा झटकेगी इसको लेकर कुछ हद तक स्पष्टता नामांकन वापिस लेने के दिन ही तय हो जाएगी!
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 17 May 2024 at 11:02 IST