अपडेटेड 17 April 2024 at 20:27 IST
छप्पर का घर, 'छप्पन इंच' वाला हौसला, कोचिंग के पैसे नहीं फिर भी मजदूर के बेटे ने पास की IAS परीक्षा
यूपी के बुलंदशहर के पवन कुमार ने यूपीएससी सिविल परीक्षा में 239वी रैंक हासिल की है। पवन ने जिन परिस्थितियों में सफलता हासिल की आज उसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।
- भारत
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Pawan Kumar Success story: सफलता कभी भी परिस्थतियों की मोहताज नहीं होती है। अगर जुनून पक्का हो तो जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। ये बाते कई मौके पर बहुत से लोगों साबित करके भी दिखाया है। यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन 2023 (UPSC 2023) का रिजल्ट जारी हो गया है। इस परीक्षा में यूपी के बुलंदशहर के पवन कुमार ने 239वी रैंक हासिल की है। पवन ने जिन हालातों में इस परीक्षा को पास किया वो एक मिशाल है। मजदूर का बेटा अब अधिकारी बनने जा रहा है तो पूरे इलाके में इसकी चर्चा हो रही है।
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो.. इस कहावत को पवन ने अपनी मेहनत और लगन से चरितार्थ कर दिखाया है। तमाम समस्याओं और सुविधा के आभाव में भी पवन ने UPSC की परीक्षा पास कर परिवार ही नहीं पूरे जनपद का नाम रोशन कर दिया। पवन बेहद सामान्य परिवार से आते हैं । पैसे के आभाव में कोचिंग नहीं कर पाए और ज्यादातर सेल्फ स्टडी करके इस मुकाम को हासिल किया है।
छप्पर के घर में रहता है पवन का परिवार
पवन का परिवार उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में कच्चे मकान में रहता है। घासफूस से छोटी सी झोपड़ी बनी है। पिता मुकेश कुमार मजदूर और मां सुमन गृहणी हैं। पवन की तीन बहने हैं। घर में सुख-सुविधा के सामान का भी आभाव है। बारिश में छत से जब पानी गिरता है तो छत को तिरपाल ढंग कर काम चलाते हैं। उज्जवला योजना से घर में गैस चुल्हा तो है मगर सिलेंडर भरवाने के लिए पैसे नहीं हैं। पवन की मां और बहन जंगल से लकड़ी लाकर चूल्हे पर खाना बनाती है।
बेटे की सफलता पर मां ने क्या कहा?
इस हालात में बेटे की सफलता से आज पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। बेटे ने किन हालातों में इस सफलता को पाई है इस बात को बताते हुए मां की आंखे भर आई। मां सुमन देवी ने बताया, अच्छी बात है कि आज यहां तक आ गए हैं। हमारे छप्पर से बारिश में पानी गिरता है। बहुत परेशानी होती है। पवन इन्हीं हालातों में पढ़ाई की। हम मेहनत मजदूरी करके यहां तक पहुंचे हैं। मजदूरी करके बेटे का पढ़ाया। आज बेटे की सफलता पर गर्व हो रहा है।
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पवन ने बताया UPSC पास करने के क्या जरूरी
यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन 239वी रैंक हासिल करने वाले पवन ने बताया कि तीसरे प्रयास में उसे सफलता हाथ लगी। पवन ने कहा, यह मेरा तीसरा प्रयास था। मेरी सफलता में मेरे परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। परीक्षा कठिन है और पाठ्यक्रम बहुत बड़ा है, लेकिन ये असंभव नहीं है। कोचिंग लेना भी जरूरी नहीं है। मेरे परिवार के हालत ऐसी नहीं थे कि मैं महंगी कोचिंग ले पाऊं। मैंने ज्यादातर सेल्फ स्टडी की थी। सफलता के लिए दृढ़ता बहुत महत्वपूर्ण है मगर असंभव कुछ भी नहीं।
यहां प्राप्त की पवन ने प्रारंभिक शिक्षा
पवन ने 2017 में नवोदय स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी। इसके बाद इलाहाबाद से B.A की परीक्षा पास की थी। बाद में दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की थी। पैसे के आभाव में कुछ विषयों की कोचिंग ली और इंटरनेट की मदद से सेल्फ स्टडी की। दो साल की कोचिंग के बाद उन्होंने अपने रूम पर रहकर सेल्फ स्टडी की।
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मजदूरी करके पिता ने बेटे को दिया फोन
होनहार बिरवान के होत चीकने पात..., पवन के पिता ने बताया कि वो बचपन से पढ़ाई में अच्छा था। हमारे पास पैसे का आभाव था उसे ननिहाल रूपवास पचगाई जनपद के गांव भेज दिया था। जनपद के गांव से ही उसे प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। 9वीं से 12वीं की पढ़ाई उसने बुलकाना स्थित नवोदय विद्यालय में की। उसे मोबाइल की जरूरत थी तो हम सबने मजदूरी करने उसे सकेंड हेंड मोबाइल खरीद के दिया था जिससे वो पढ़ाई करता था। आज बेटे की सफलता से पूरा परिवार खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 17 April 2024 at 20:18 IST