Updated April 30th, 2024 at 11:30 IST
अरविंदर सिंह लवली की जगह दिल्ली कांग्रेस में कौन लेगा? तेजी से होने लगी हैं इन नामों की चर्चा
अरविंदर सिंह लवली अगस्त 2023 में दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बने थे। कांग्रेस में अंदरुनी कलह और AAP से गठबंधन का विरोध करते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
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Delhi Congress: दिल्ली में जब अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस की प्रदेश इकाई का नेतृत्व छोड़ चुके हैं तो अब सवाल ये उठने लगा है कि लोकसभा चुनावों के बीच पार्टी की कमान अब कौन संभालेगा। अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से ऐसे वक्त में इस्तीफा दिया है, जब देश में लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं और दिल्ली में चुनाव होना बाकी है। इससे अब कांग्रेस के लिए नया प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करने बेहद जरूर हो चुका। इस बीच कुछ संभावित नामों पर चर्चा जरूर शुरू हो चुकी है। अभी दो नाम सामने आए हैं, जिसको दावेदार माना जा सकता है।
अरविंदर सिंह लवली को अगस्त 2023 में दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। तकरीबन 9 महीने ही उन्हें ये पद संभालते हुए बीते थे, लेकिन पिछले दिनों कांग्रेस में अंदरुनी कलह और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का विरोध करते हुए अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा छोड़ दिया। लवली की जगह लेने वाले दावेदारों में फिलहाल देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया माने जा रहे हैं। पीटीआई-भाषा के मुताबिक, दिल्ली के पूर्व विधायक देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख पद के संभावित दावेदार हैं।
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कांग्रेस के 3 नेताओं के नाम उछले
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने जानकारी दी है कि देवेंद्र यादव या राजेश लिलोठिया में से कोई एक लवली की जगह ले सकता है। पार्टी से जुड़े कुछ नेताओं का मानना है कि इस पद के लिए अभिषेक दत्त के नाम पर भी विचार किया जा सकता है।
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लवली ने कई आरोपों के साथ छोड़ा पद
कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शनिवार को लिखे पत्र में लवली ने कहा कि वो पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहने में असमर्थ हैं। अरविंदर सिंह लवली ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन का खुलकर विरोध किया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा- 'दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।'
लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने पत्र में कुछ नेताओं पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया है। लवली ने लिखा- 'डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में कोई वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है। डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति के मेरे अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया। आजतक, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर के सभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की अनुमति नहीं दी है। नतीजा ये हुआ कि दिल्ली के 150 से ज्यादा ब्लॉकों में फिलहाल कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है।'
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लवली भी उठा सकते हैं नया कदम
अपना इस्तीफा देकर अरविंदर सिंह लवली ने पहले ही अपने तेवर दिखा दिए हैं। हालांकि इस इस्तीफे के बाद जो घटनाक्रम देखा गया, उसने दिल्ली कांग्रेस में बडे़ भूचाल के संकेत दिए थे। वो इसलिए कि अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा होते ही कई नेता उनके समर्थन में उतर आए। संदीप दीक्षित समेत कई कांग्रेस नेताओं का अरविंदर सिंह लवली के आवास पर जमावड़ा देखा गया। हालांकि ये जरूर है कि अरविंदर सिंह लवली अभी कांग्रेस छोड़ने से साफ-साफ इनकार कर रहे हैं।
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Published April 30th, 2024 at 11:30 IST
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