Updated November 13th, 2018 at 21:16 IST
गठबंधन को लेकर सीताराम येचुरी ने एम के स्टालिन से की मुलाकात, बनाई रणनीति..
आगामी लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है राजनीतिक महकमे में हलचल काफी तेज होती जा रही है.
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आगामी लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है राजनीतिक महकमे में हलचल काफी तेज होती जा रही है. बीजेपी के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियां एकजुट होने की कोशिशों में जुट गई हैं. इसी सिलसिले में मंगलवार को एंटी बीजेपी मोर्चे के CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने 'द्रविड़ मुनेत्र कड़गम' (DMK) के अध्यक्ष एमके स्टालिन से मुलकात की. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक इस मुलाकात में कांग्रेस के बिना गठबंधन को लेकर चर्चा हुई. बता दें, हाल ही के दिनों में दोनों नेताओं ने NDA के खिलाफ महागठबंधन को लेकर TDP के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की थी.
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सीताराम येचुरी ने कहा:
"एमके स्टालिन और DMK के अन्य नेताओं के साथ हमारी एक बहुत ही उपयोगी बैठक हुई. हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भारत को सुरक्षित रखना होगा. इसे नीतियों और तरीके से सुरक्षित रखना चाहिए. भारत के संविधान और सिस्टम को बचाना बेहद जरूरी है. भारत की सुरक्षा के लिए एकता और अखंडता की रक्षा करना और लोगों पर हो रहे हमले को रोकना बहुत जरूरी है. इसमे कोई संदेह नहीं है कि पिछले 4 साल में देश का माहौल बेहद खराब हुआ है. जिसका असर लोगों के जीवन पर पड़ा है. इसलिए, ये जरूरी है कि इन सभी मुद्दों पर धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाले दल भारतीय लोकतंत्र को महत्व दिया जाए और भारत की अखंडता और एकता को लेकर विचार किया जाए. इसी के मद्देनज़र हमने चर्चा की है. हमारा मकसद है कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को साथ लाया जाए''.
साथ ही उन्होंने कहा, ''गठबंधन हमेशा मुख्य रूप से राज्य स्तर पर होता है और फिर राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाता है. डीएमके के साथ राज्य स्तरीय गठबंधन को आगामी चुनावों के लिए अंतिम रूप दिया गया है. हम देश की संस्थान को बचाने के लिए राष्ट्र को बचाने में सभी एक साथ हैं''
बता दें, इससे पहले, 9 नवंबर को नायडू के साथ बैठक के बाद एमके स्टालिन ने BJP विरोधी पार्टियों को एक साथ आने की अपील की थी. साथ ही मुलाकात के दौरान नायडू ने भी मोदी सरकार के साथ-साथ तमिलनाडु सरकार पर भी जोरदार हमला किया था. नायडू ने कहा था, 'तमिलनाडु में सरकार कहां है? यहां दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के रूप में सरकार चल रही है'.
2019 के चुनावों के लिए एनडीए के खिलाफ संयुक्त मोर्चा के एजेंडे के साथ, वामपंथी दल के प्रमुख ने आश्वासन दिया कि 2004 की तरह ऐसा गठबंधन होगा.
इसके साथ ही येचुरी ने कहा, "2004 में, यूपीए चुनाव के बाद बनाया गया था, राज्यों में गठबंधन गठित किया गया था. 2019 में ऐसा ही होगा, चुनाव के बाद राज्यों में गठबंधन होगा. फिर केंद्र में होगा."
DMK और CPI (M) की इस बैठक के बाद कई बात सामने आ रही हैं. उनकी बातों से कुछ ऐसा लग रहा है कि वो कांग्रेस को नज़रअंदाज कर रहे हैं. वो ये बताना चाहते हैं कि उनके पास गठबंधन के लिए और भी विकल्प हैं. कमल हासन की पार्टी और टीटीवी दिनाकरन की पार्टी को भी गठबंधन में शामिल किया जा सकता है. फिलहाल इसकी तस्वीर तो गठबंधन के ऐलान के बाद ही साफ हो पाएगी.
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Published November 13th, 2018 at 21:16 IST
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