Updated March 31st, 2019 at 10:27 IST
फारूक अब्दुल्ला के बाद महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान- '370 हटी तो जम्मू-कश्मीर से खत्म होगा भारत का रिश्ता'
महबूबा का यह बयान सुनकर शर्म आती है बताते हुए कि ये बयान देश के एक सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया है
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जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग हैं और इस बात में कोई शक नहीं। जम्मू-कश्मीर को दुश्मनों की बुरी नीयत से बचाने के लिए न जाने कितने ही भारतीय सेना के जवान सीमा पर शहीद हो गए, पर उनकी शहादत का देश में बैठे कुछ नेता मज़ाक उड़ा रहे हैं। आप सही सोच रहे हैं हम जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बात कर रहे हैं। जो खुलेआम भारत को धमकी दे रही हैं, देश विरोधी ताकतों को बल दे रही हैं।
महबूबा मुफ्ती हैं कि मानती नहीं, एक बार फिर महबूबा मुफ्ती ने देश विरोधी बयान दिया है, धारा 370 को लेकर महबूबा ने एक बार फिर से साबित किया है वो इस देश के संविधान पर कितना विश्वास करती हैं, एक बार फिर महबूबा का बयान साबित करता है कि उन जैसे नेताओं की पार्टियों पर बैन लगा देना चाहिए, हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसकी वजह आप महबूबा का ये बयान सुनकर जान जाएंगे
दरअसल जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम ने कहा, 'अगर आप आर्टिकल 370 का पुल तोड़ते हैं, तो आपको फिर से भारत और जम्मू-कश्मीर के बीच रिश्ते पर बातचीत शुरू करनी होगी. वहां आपको एक नई स्थिति का सामना करना पड़ेगा... क्या एक मुस्लिम बहुल राज्य आपके साथ रहना चाहेगा? अगर आप आर्टिकल 370 को खत्म करते हैं, जम्मू-कश्मीर के साथ आपका संबंध भी खत्म हो जाएगा।'
महबूबा का यह बयान सुनकर शर्म आती है बताते हुए कि ये बयान देश के एक सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया है, जो सत्ता से बाहर होने के बाद से अजीबोगरीब और देश विरोधी बयानबाजी कर अपनी जमीन बचाने की कोशिश कर रही है।
कभी आतंकवादियों से हमदर्दी, कभी पाकिस्तान से दोस्ती की वकालत, कभी सेना पर सवाल, तो कभी पत्थरबाजों की पैरवी, महबूबा मुफ्ती की यही पहचान है, सवाल ये है कि आखिर अभिव्यक्ति की आजादी का हक का इस्तेमाल क्या देश के खिलाफ बोलने के लिए किया जा सकता है।
महबूबा का बयान पूरे देश का अपमान है, देश के संविधान का अपमान है, और अब महबूबा के देश विरोधी बयान का विरोध हो रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब महबूबा ने देश के खिलाफ बात की है, वो अक्सर पाकिस्तान प्रेम में देश विरोधी बयानबाजी करती आ रही हैं, सवाल ये है कि आखिर कब तक ऐसे नेताओं को देश सहन करेगा, आखिर कब तक?
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Published March 31st, 2019 at 10:27 IST
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