Updated March 29th, 2024 at 11:52 IST
मुख्तार अंसारी की मौत पर अखिलेश यादव ने उठाया सवाल, कहा-न्यायाधीश की निगरानी में होनी चाहिए जांच
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच का मुद्दा उठाया है।
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गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत गुरुवार, 28 मार्च को हार्ट अटैक की वजह से बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ला गया था जहां करीब 8.25 मिनट पर उनकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन की उनकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताया मगर परिवार और कुछ राजनेता माफिया की मौत पर सवाल खड़े कर रहे हैं और इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी के मौत पर दुख जताने के साथ-साथ जेल प्रशासन पर कई सवाल भी उठाए। सपा प्रमुख ने X हैंडल पर लंंबा चोड़ा पोस्ट डाला है और इशारों में योगी सरकार पर कई सवाल भी उठाए हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है।
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मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच हो- अखिलेश
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा। थाने में बंद रहने के दौरान। जेल के अंदर आपसी झगड़े में, जेल के अंदर बीमार होने पर, न्यायालय ले जाते समय, अस्पताल ले जाते समय, अस्पताल में इलाज के दौरान, झूठी मुठभेड़ दिखाकर और झूठी आत्महत्या दिखाकर, किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में मौत पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए।
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अखिलेश ने राज्य सरकार पर लगाया बड़ा आरोप
अखिलेश ने आरोप लगाया कि राज्य में न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने लिखा,सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।"
परिवार ने जहर देने की कही बात
बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नयी दिल्ली और कई अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले दर्ज थे। 13 मार्च 2023 को मुख्तार अंसारी को 1990 में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अब उनकी मौत पर परिवार के सदस्य कई सवाल खड़े कर रहे हैं। बेटे उमर अंसारी ने पिता को जहर तक देने की बात कही है।
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Published March 29th, 2024 at 11:27 IST
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