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Updated March 29th, 2024 at 23:42 IST

'2 साल पहले हो जाती कृष्णानंद की हत्या...', मुख्तार मामले में पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह का बड़ा खुलासा

Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी मामले में पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह ने रिपब्लिक से एक्सक्लूसिव बातचीत की।

Reported by: Kunal Verma
Ex-Deputy SP Shailendra Singh and Mukhtar Ansari
Ex-Deputy SP Shailendra Singh and Mukhtar Ansari | Image:Republic/PTI
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Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी मामले में पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह ने रिपब्लिक से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई बड़े खुलासे किए। शैलेंद्र सिंह ने कहा कि मैंने मुख्तार से LMG नहीं छीनी होती तो 2 साल पहले ही कृष्णानंद की हत्या हो जाती।

'उसके अंदर डर आ गया था...'

शैलेंद्र सिंह ने कहा कि उसके अंदर डर आ गया था। जहर देने वाली बात बेकार है। वो डर गया था कि उसका दबदबा खत्म हो गया है। पूर्व डीएसपी ने कहा कि उसे अपने कर्मों की सजा मिली है।

उन्होंने दावा किया- '20 साल पहले 2004 में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य अपने चरम पर था। वह (मुख्तार अंसारी) उन इलाकों में खुली जीपों में घूमता था जहां कर्फ्यू लगा हुआ था। उस समय मुझे एक मशीन गन बरामद हुई। उसके पहले या बाद में कोई वसूली नहीं की गई। मैंने उस पर पोटा भी लगाया, लेकिन सरकार उसे किसी भी कीमत पर बचाना चाहती थी।'

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क्या है वो केस?

पूर्व डीएसपी ने कई मौकों पर दावा किया था कि अंसारी और उनके सहयोगियों के खिलाफ की गई कड़ी कार्रवाई के कारण तत्कालीन यूपी सरकार और उनके विभाग के अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया था। उन्हें दबाव में इस्तीफा देना पड़ा और यहां तक ​​कि बर्बरता के आरोपों का भी सामना करना पड़ा।

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2004 में शैलेन्द्र सिंह उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की वाराणसी इकाई के प्रभारी थे, जब दिवंगत भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच लखनऊ के कैंट इलाके में गोलीबारी की घटना सामने आई थी। कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने राज्य में गैंगवार के खिलाफ सतर्क रहने के लिए यूपी STF को एक्टिव किया।

जनवरी 2004 में लाइट मशीन गन-LMG प्राप्त करने के सौदे पर एक कॉल का पता चला। सिंह ने दावा किया कि अंसारी एक करोड़ रुपये की कीमत पर LMG पाने के लिए एक भगोड़े सैनिक के साथ सौदा कर रहा था। LMG का सौदा कथित तौर पर अंसारी के गनर बाबू लाल के चाचा मुन्नार यादव ने किया था।

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शैलेंद्र सिंह ने एक कॉल इंटरसेप्ट पर कार्रवाई की और 25 जनवरी 2004 को वाराणसी के चौबेपुर इलाके में छापा मारा और मौके से बाबू लाल यादव, मुन्नर यादव को गिरफ्तार किया और 200 जिंदा कारतूस के साथ LMG बरामद किया।

DSP ने अंसारी के खिलाफ शस्त्र अधिनियम और पोटा के तहत चौबेपुर पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए। पुलिस विभाग के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन और पोटा मामले के तहत दर्ज FIR से अंसारी का नाम हटाने के दबाव के बीच शैलेंद्र सिंह ने फरवरी 2004 में पुलिस सेवाओं से इस्तीफा दे दिया।

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Published March 29th, 2024 at 23:00 IST

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