Updated September 18th, 2018 at 14:53 IST
बंगाल में 'हिंदुओं को बचाने' के लिए NRC को हथियार बनाएगी RSS, लोगों को समझाएगी फायदे...
बसु ने यह भी कहा कि एनआरसी उन हिंदुओं के लिए भी फायदेमंद साबित होगा, जिन्हें बांग्लादेश से पीड़ित और भागने पर मजबूर किया गया था.
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पिछले दिनों असम में विदेशी अवैध नागिरकों की पहचान करने के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन पेश करने के बाद अब देश भर में इसे लागू करने की मांग उठ रही है. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पश्चिम बंगाल सचिव जिष्णु बसु ने दावा किया कि बंगाली हिंदुओं को बर्बाद होने से बचाने के लिए पश्चिम बंगाल में असम के राष्ट्रीय नागरिक एनआरसी के समान नागरिक सूची को लागू करना जरूरी है.
न्यूज एजेसी एनआई से बात करते हुए बसु ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी मुस्लिमों की भारी घुसपैठ के कारण, राज्य के कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक बन रहे हैं.
बसु ने कहा कि"एनआरसी बंगाली हिंदुओं को पश्चिम बंगाल राज्य से खत्म करने से बचाने का एकमात्र विकल्प है. घुसपैठ की वजह से पिछले कुछ दशकों में कई जिलों की जनसांख्यिकी बदल गई है और अगर बंगाली हिंदुओं को बचाने की कोशिश के लिए एनआरसी एकमात्र विकल्प है, अन्यथा बंगाली हिंदु शरणार्थियों बन जाएंगे और उन्हें पश्चिम बंगाल से स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया जाएगा, "
बसु ने यह भी कहा कि एनआरसी उन हिंदुओं के लिए भी फायदेमंद साबित होगा जिन्हें बांग्लादेश से पीड़ित और मजबूर किया गया था.
उन्होंने कहा, "बंगाली हिंदुओं ने बहुत सारे अत्याचारों का सामना करने के बाद बांग्लादेश से भारत चले गए हैं, जिन्होंने अपनी मां और बहनों से बलात्कार होते हुए देखा है, यहीं नहीं उनके रिश्तेदारों की हत्या भी कर दी गई है, ऐसे हिन्दुओं को नागरिकता संशोधन विधेयक से फायदा होगा."
बसु ने यह भी बताया कि एनसीआर के के जरिए ऐसे तत्वों को बाहर करने में मदद मिलेगी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हैं.
उन्होंने कहा कि "सीमावर्ती जिलों में सबसे अधिक प्रभावित हैं. यदि आप बर्धमान विस्फोट मामले देखते हैं, तो इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति शकील अहमद बांग्लादेश घुसपैठिया था. इसलिए हमारे देश को बचाने के लिए हमें ऐसे घुसपैठियों को रोकने की जरूरत है, क्योंकि उन्होंने हमारे देश को खतरे में डाल दिया है.'
बसु ने कहा कि आरएसएस एनआरसी के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए छोटे समूह बना रही है.
उन्होंने कहा कि "हमने छोटे समूह बनाए हैं और अब एनआरसी और नागरिक संशोधन विधेयक के बारे में सीमावर्ती जिले में लोगों को जागरूक बना रहे हैं. हम इस विचार को प्रचारित करने की कोशिश कर रहे हैं. हम संदेश को नौकरशाहों को भेजने की कोशिश करेंगे."
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Published September 18th, 2018 at 14:53 IST
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