अपडेटेड 5 May 2024 at 22:06 IST

बजरंग-NADA विवाद में WFI की एंट्री, संजय सिंह ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी पर लगाए गंभीर आरोप

NADA की ओर से बजरंग पूनिया को सस्पेंड किए जाने और पूनिया की तीखी प्रतिक्रिया के बाद इस मामले में अब WFI की एंट्री हुई है।

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WFI Entry in Bajrang NADA Controversy
बजरंग-NADA विवाद में WFI की एंट्री | Image: PTI

WFI: बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) को हाल ही में नेशनल सेलेक्शन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए अपना नमूना देने से इनकार करने पर नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की ओर से अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया है।

बजरंग हालांकि इस मामले में चुप नहीं बैठे हैं। उन्होंने NADA को सीधा जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी नाडा अधिकारियों को डोप टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार नहीं किया। बजरंग की तीखी प्रतिक्रिया के बाद ये विवाद थमता नहीं दिख रहा है और अब तो इसमें भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की भी एंट्री हो गई है। 

WFI का NADA पर अंधेरे में रखने का आरोप 

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) इस मामले में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की ओर से उसे अंधेरे में रखने का आरोप लगाते हुए वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) से शिकायत करने की योजना बना रहा है। बजरंग को 23 अप्रैल को नाडा ने अस्थाई निलंबन सौंपा था। उन्हें आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचने के लिए 7 मई तक अपना जवाब भेजने को कहा गया था। दरअसल बिश्केक में एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए पुरुषों की राष्ट्रीय टीम चुनने के लिए ट्रायल 10 मार्च को सोनीपत में आयोजित किया गया था और बजरंग अपना मुकाबला हारने के बाद सैंपल दिए बिना ही प्रतियोगिता स्थल से चले गए थे।

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'टेस्ट के लिए दी गई थी एक्सपायरी किट'

बजरंग पूनिया ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर NADA के एक एक्शन को लेकर अपनी सफाई दी। बजरंग ने वीडियो पोस्ट करते हुए कहा- 

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मेरे बारे में जो डोप टेस्ट के लिए खबर आ रही है, उसके लिए मैं स्पष्ट करना चाहता हूं। मैंने कभी भी NADA अधिकारियों को सैंपल देने से इनकार नहीं किया, मैंने उनसे अनुरोध किया था कि वो मुझे जवाब दें कि उन्होंने पहले मेरा सैंपल लेने के लिए जो एक्सपायरी किट लाई थी, उस पर उन्होंने क्या कदम उठाए या क्या कार्रवाई की उसका जवाब दे दीजिए और फिर मेरा डोप टेस्ट ले लीजिए। मेरे वकील विदुष सिंघनिया इस पत्र का जवाब समय अनुसार देंगे।

बजरंग ने NADA को दिए जवाब में दो टूक कहा है कि उन्होंने कभी भी सैंपल देने से इनकार नहीं किया, लेकिन उन्हें टेस्ट के लिए जो किट दी गई, वो एक्सपायरी थी।

WFI अध्यक्ष NADA के एक्शन से हैरान

इस बीच WFI अध्यक्ष संजय सिंह ने हैरानी जताते हुए कहा कि नाडा ने उन्हें बजरंग के निलंबन के बारे में सूचित नहीं किया। WFI चीफ संजय सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा- 

ये वाकई हैरानजनक है कि नाडा ने बजरंग को निलंबित करते समय हमें सूचित नहीं किया। मैंने 25 अप्रैल को नाडा महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी और उस बैठक में यह मामला नहीं उठाया गया था। वो रहने के स्थान संबंधी शर्तों और लंबी सूची (पेरिस ओलंपिक के लिए संभावित दावेदार) जैसे मामलों पर हमारे साथ संवाद करते रहते हैं। यहां तक कि हमने हाल ही में हुए फेडरेशन कप के बारे में भी चर्चा की, जहां उन्होंने विजेताओं से नमूने इकट्ठा करने के लिए अधिकारियों को भेजा था। उन्होंने हमें बजरंग पूनिया के निलंबन के बारे में नहीं बताया। मैंने आज सुबह नाडा अधिकारियों को फोन किया और उनके पास मेरे प्रश्न का कोई जवाब नहीं था। अब मैं NADA को पत्र लिखने और WADA को इस बारे में सूचित करने की योजना बना रहा हूं।

विनेश फोगाट पर क्या बोले संजय सिंह?

बता दें कि इससे पहले ऐसी खबरें आईं थी कि विनेश फोगाट ने भी पटियाला में महिलाओं के 50 किग्रा का ट्रायल जीतने के बाद शुरू में अपना नमूना देने से इनकार कर दिया था। संजय सिंह ने इस पर कहा- 

हमें किसी ने भी यह नहीं बताया कि ट्रायल (सोनीपत और पटियाला में) के बाद किसके नमूने लिए गए थे और उन नमूनों से क्या निकला। जरा कल्पना करें कि अगर बजरंग फेडरेशन कप में प्रतिस्पर्धा करने आए होते तो हमने उन्हें अनुमति दे दी होती क्योकि हमारे पास कोई जानकारी नहीं थी कि उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

आगामी 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए विश्व क्वालीफायर्स का आयोजन 9 मई से तुर्किये में होगा। भारतीय पहलवानों के लिए पेरिस खेलों का कोटा हासिल करने का ये आखिरी मौका होगा। भारत की चार महिला पहलवानों ने अब तक ओलंपिक कोटा हासिल किए हैं। इसमें विनेश (50 किग्रा) अंतिम पंघाल (53 किग्रा) अंशु मलिक (57 किग्रा) और रितिका हुड्डा (76 किग्रा) का नाम शामिल है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : DINESH BEDI

पब्लिश्ड 5 May 2024 at 22:06 IST