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Updated April 25th, 2024 at 12:00 IST

'कन्नौज में अब भारत-पाकिस्तान वाला मुकाबला होगा', अखिलेश यादव के मैदान में उतरने पर बोले सुब्रत पाठक

सुब्रत पाठक ने कहा कि मुलायम सिंह के बेटे के अलावा अखिलेश यादव में योग्यता क्या है। अब वो लड़ने आए हैं तो हमारे कार्यकर्ता की सिर कटी लाश के सिर का हिसाब देंगे।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
Subrat Pathak and Akhilesh Yadav
सुब्रत पाठक और अखिलेश यादव | Image:Facebook
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Subrat Pathak: कन्नौज के अखाड़े में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव उतरते ही बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने उन्हें चुनावी कुश्ती के लिए ललकार दिया है। सुब्रत पाठक अभी तक कन्नौज में तेज प्रताप यादव को अपने सामने चुनौती ही नहीं समझ रहे थे। अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर अब उनका कहना है कि ये मुकाबला भारत और पाकिस्तान वाले मैच जैसा होगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने यहां तक कह दिया है कि अखिलेश यादव की विचारधारा पाकिस्तानी है।

सुब्रत पाठक कहते हैं- 'मैच अगर एकतरफा होता है तो बिल्कुल मजा नहीं आता है। तेज प्रताप के साथ अगर ये मैच होता तो भारत नेपाल से मैच होता। अब ये भारत और पाकिस्तान वाला मैच होगा। उनकी विचारधारा पाकिस्तानी है। वो एक विशेष समुदाय के माफिया के घर गए। इनको जवाब जनता देगी।' उन्होंने आगे कहा- 'सपा के लिए अखिलेश अखिलेश होंगे, हमारे लिए नहीं हैं। हमारे लिए विपक्ष के नेता हैं।'

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‘मुलायम के बेटे के अलावा अखिलेश में क्या योग्यता’

अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए सुब्रत पाठक ने कहा कि मुलायम सिंह के बेटे के अलावा उनके पास में योग्यता क्या है। अब अखिलेश लड़ने आए हैं तो हमारे कार्यकर्ता की सिर कटी लाश के सिर का हिसाब देंगे। बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत का कहना है- 'अखिलेश को परिणाम देख रहे हैं। इसलिए अखिलेश को अपने तेज प्रताप की टिकट काटकर मेरे खिलाफ आना पड़ा। वो जानते हैं कि उनके लिए लड़ाई आसान नहीं है।' उन्होंने कहा कि ये (सपा) कन्नौज को कहते थे कि हमारा गढ़ है। कन्नौज हमारा घर है, मैं यही रहता हूं, यही लोगों से मिलता हूं और कोई भी कभी भी आता है, मिल लेता है।'

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2019 में सुब्रत पाठक ने कन्नौज में सपा को हराया

2019 के चुनाव में सुब्रत पाठक ने कन्नौज में समाजवादी पार्टी के किले को ढहा दिया था। अखिलेश यादव 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार सांसद चुने गए थे। उसके बाद वो 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गई थीं। 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2019 के चुनाव में वो पराजित हो गई थीं।

2019 में अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव मैदान में उतारा थीं, जिनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक से था। चुनाव में जीत बीजेपी प्रत्याशी की हुई थी। फिलहाल कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को मतदान होगा। इस सीट के लिए नामांकन आज, 25 अप्रैल को शुरू हो रहे हैं।

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Published April 25th, 2024 at 12:00 IST

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