Updated May 10th, 2024 at 15:24 IST
PM मोदी ने इंटरव्यू में क्यों लिया बाबरी मस्जिद का केस लड़ने वाले इकबाल अंसारी का नाम?
PM मोदी ने कहा कि इकबाल अंसारी ने अपने गनर को (जो की एक हिंदू है) राम मंदिर की प्रतिमा खरीद कर गिफ्ट किया। देश देख रहा है कि कौन धर्मनिरपेक्ष है।
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PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबरी मस्जिद का केस लड़ने वाले इकबाल अंसारी की तारीफ की है। पीएम मोदी ने इकबाल अंसारी को सबसे बड़ा सेक्युलर बताया है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर को लेकर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने वाले विपक्ष को भी निशाने पर लिया।
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने राम मंदिर से जुड़ा एक सवाल पीएम मोदी से किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जवाब में कहा कि राम मंदिर के लिए 500 साल तक लड़ते रहे। ये त्याग और बलिदान का इतिहास है। सेक्युलरिज्म के लिए डर के जिएंगे तो कैसे चलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में मैं साक्षी बना। अब तक जो हुआ, सो हुआ। सुप्रिम कोर्ट ने जजमेंट दिया अब तो साथ चलो। पीएम मोदी कहते हैं- 'मैंने प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कहा था कि हमारी यात्रा राम से राष्ट्र की तरफ है, हमारी यात्रा देव से देश की तरफ है। राम मंदिर के ट्रस्टियों ने मंदिर निर्माण का घोर विरोध करने वालों को भी निमंत्रण दिया, उनको सम्मान दिया। लेकिन उस निमंत्रण को उन्होंने ठुकरा दिया।'
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PM मोदी ने की इकबाल अंसारी की तारीफ
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा ही निमंत्रण बाबरी मस्जिद का केस लड़ने वाले इकबाल अंसारी को भी दिया गया। उन्होंने कहा कि चूंकि अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया है तो अब कोई गिला-शिकवा नहीं है, फिर वो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आकर बैठे। इकबाल अंसारी ने अपने गनर को (जो की एक हिंदू है) राम मंदिर की प्रतिमा खरीद कर गिफ्ट किया। देश देख रहा है कि कौन धर्मनिरपेक्ष है, इकबाल अंसारी या शाही परिवार। उन्होंने कहा कि इंकबाल अंसारी सच्चे सेक्यूलर हैं।
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कौन हैं इकबाल अंसारी?
राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि से जुड़ा मामला अदालत में चल रहा था तो इकबाल अंसारी इस मुकदमे एक पक्षकार थे। उनके पिता हाशिम अंसारी भूमि विवाद मामले के सबसे उम्रदराज वादी थे, जिनका 2016 में 95 साल की उम्र में निधन हो गया था। उसके बाद इकबाल ने अदालत में मामले को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया।
नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर फैसला दिया था। कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल को राम मंदिर के लिए दिया था। उसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि पवित्र हिंदू शहर अयोध्या में एक मस्जिद के लिए दूसरी जगह पांच एकड़ जमीन दी जाए। फिलहाल कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा इसी साल 22 जनवरी को की गई थी।
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Published May 10th, 2024 at 13:28 IST
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