Updated September 13th, 2018 at 19:45 IST
EXCLUSIVE: टॉप सीक्रेट दस्तावेजों में खुलासा - 2010 में विजय माल्या और तत्कालीन कांग्रेस सरकार के बीच हुई थी डील
भगोड़े शराब कारोबारी और बैंक डिफॉल्टर विजय माल्या को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. रिपब्लिक टीवी को मिली 18 पन्नों के टॉप सीक्रेट दस्तावेजों से पता चला है
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भगोड़े शराब कारोबारी और बैंक डिफॉल्टर विजय माल्या को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. रिपब्लिक टीवी को मिले 18 पन्नों के टॉप सीक्रेट दस्तावेजों से पता चला है कि 2010 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार और विजय माल्य के बीच सीक्रेट डील हुए थी.
27 अगस्त 2010 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 18 पन्नों का लेटर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन को लिखी गई . जो इस बात का खुलासा करता हैं कि कैसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए नियमों में बदलाव किए थे. साथ ही आरबीआई और एसबीआई के बीच आदान - प्रदान पत्रों से यह साफ पता चलता है कि कैसे किंगफिशर एयरलाइंस को लोन के लिए होने वाली वित्तीय कठिनाइयों के लिए छूट दिया गया था.
एसबीआई के अनुरोध का जवाब देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लिखे गए इस पत्र का सब्जेक्ट है, '' एयरलाइंस इंडस्ट्री द्वारा सामना की जाने वाली वित्त-संबंधी कठिनाइयों को लेकर , M/S किंगफिशर एयरलाइंस - छूट के लिए दिशनिर्देशों में नवीनीकरण '' तारिख - 27 अगस्त , 2010.
लेटर में यह स्पष्ट किया गया है कि दिशनिर्देशों में बदलाव व्यवहार्य मानकों पर आधारित होना चाहिए. साथ ही बैंको को खुद को इस नवीनकरण के लिए उन सभी एयरलाइनों की समस्या को समझना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बदलाव व्यर्थ भी साबित हो सकते है इसलिए लेटर में आगे लिखा गया - नियमों में बदलाव से मौजूदा कठिनाइयों से बाहर नहीं आ सकते जब तक दूसरी मुसिबतों का कोई समाधान नहीं निकालते जैसे कि लागत, रुट संबंधित खर्च के लिए उचित मूल्य निर्धारित करना.
इधर बुधवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान माल्या ने कहा कि वह भारत छोड़ने से पहले वित्तमंत्री से मिलकर आए थे. माल्या ने आगे कहा, 'वह सेटलमेंट को लेकर वित्त मंत्री से मिले थे, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट प्लान को लेकर सवाल खड़े किए.'
इस बयान पर बवाल मचने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैने कभी भी विजय माल्य को मिलने के लिए अपॉइंटमेंट नहीं दिया.
अरुण जेटली ने कहा, उनका बयान तथ्यहीन है. 2014 से अब तक मैंने कभी विजय माल्य को मिलने के लिए कोई अपॉइंटमेंट नहीं दी है तो ऐसे में मुझसे उससे मिलने का कोई सवाल ही नहीं उठता .
अरुण जेटली के जवाब के बाद जब पत्रकारों ने विजय माल्या से सवाल किया तो उन्होंने कहा की उन्होंने अरुण जेटली के साथ कभी भी आधिकारिक मिंटिग नहीं की है.
बता दें कि , बैकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपए लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर आज लंदन की एक अदालत में सुनवाई हुई . इस दौरान माल्य ने कहा 'मैं मामला निपटाने को लेकर जेटली से मिला था. मैं बैंक का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था. लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए. माल्या ने कहा कि मुझे बलि का बकरा बनाया जा गया.
कोर्ट में सुनवाई के बाद पत्रकारों ने जब वित्त मंत्री से मुलाकात को लेकर माल्या से सवाल किया तो उसने कहा कि वह इस मीटिंग के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दे पाए . गौरतलब है कि जिस वक्त माल्य देश छोड़कर गए, उस समय अरुण जेटली वित्त मंत्री थे.
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Published September 12th, 2018 at 22:20 IST
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