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Updated May 8th, 2024 at 23:38 IST

पुलवामा हमले से राम मंदिर और सिख दंगों तक, सैम पित्रोदा के वो 5 बयान जब बढ़ गई सियासी तपिश

सैम पित्रोदा के बयान से सियासत गरमाई तो फिर कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई, लेकिन ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने विवादित बयान दिया है।

Reported by: Sagar Singh
Sam Pitroda controversial statements
सैम पित्रोदा के वो 5 बयान जब बढ़ गई सियासी तपिश | Image:PTI
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Sam Pitroda controversial statements : लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता ही उसकी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस की 'मोहब्बत की दुकान' में नफरत का सामान बिखरा पड़ा है। विरासत टैक्स वाले बयान की वजह से सुर्खियों में आए सैम पित्रोदा ने अब नए बयान से सियासी तपिश और बढ़ा दी है। उन्होंने कहा है कि 'पूर्व के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं'

सैम पित्रोदा के बयान से सियासत गरमाई तो फिर कांग्रेस डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई। सैम पित्रोदा ने ओवसीज कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, तो पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सैम का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। लोकसभा चुनाव के बीच सैम पित्रोदा ने भारत को रंग के आधार पर बांट दिया, जिसको लेकर बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक लिया। बीजेपी ने कांग्रेस की मंशा पर करारा प्रहार किया है, लेकिन ये पहले बार नहीं है जब सैम पित्रोदा का बयान विवादों में है। इससे पहले वो राम मंदिर से लेकर पुलवामा हमले तक अपने बयान को लेकर विवादों में आ चुके हैं।

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विरासत कर- पित्रोदा ने अमेरिकी विरासत कर कानून पर अपने बयान से राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। उन्होंने भारत में अमेरिका की तरह विरासत कर कानून की वकालत की थी। उन्होंने कहा था- 'अमेरिका में, एक विरासत कर है। यदि किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है, तो वह संभवतः 45 प्रतिशत अपने बच्चों को दे सकता है, 55 प्रतिशत सरकार हड़प लेती है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।'

'हुआ तो हुआ'- 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों पर भी सैम पित्रोदा ने विवादित बयान दिया था। मई 2019 में पित्रोदा से जब 1984 के सिख विरोधी दंगों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा था- 'तो क्या हुआ, हुआ तो हुआ अब क्या है 84 का?' इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था। बाद में पित्रोदा ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी।

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'हमेशा होता रहता है'- फरवरी 2019 में सैम पित्रोदा ने पुलवामा हमलों के बाद भारतीय वायु सेना द्वारा बालाकोट हवाई हमलों पर सवाल उठाया था। पित्रोदा ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की भी वकालत की थी और कहा था कि किसी हमले के लिए पड़ोसी देश के सभी नागरिकों को दोषी ठहराना गलत है, जिसमें कुछ लोग शामिल थे। उन्होंने कहा था- 'मैं हमलों के बारे में ज्यादा नहीं जानता। ऐसा हमेशा होता है। मुंबई में भी हुआ हमला, हम तब प्रतिक्रिया दे सकते थे और अपने विमान भेज सकते थे, लेकिन यह सही तरीका नहीं है।' पित्रोदा ने भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन का सबूत मांगते हुए कहा, 'मेरे अनुसार, आप दुनिया के साथ इस तरह से व्यवहार नहीं करते हैं।'

'मंदिर रोजगार नहीं पैदा करेंगे'- सैम पित्रोदा ने राम मंदिर पर भी विवादित टिप्पणी की थी। जून 2023 में पित्रोदा ने विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि 'मंदिर भारत की बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे'।

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'संविधान बनने में नेहरू का अहम योगदान'- सैम पित्रोदा ने जनवरी 2024 में यह कहने के बाद विवाद खड़ा कर दिया था कि जवाहरलाल नेहरू ने संविधान के निर्माण में बीआर अंबेडकर से अधिक योगदान दिया था। तब बीजेपी ने कांग्रेस को 'दलित विरोधी' पार्टी कहा था। 

ये भी पढ़ें: 'कोई सफेद है, कोई काला...', क्या अब अधीर रंजन चौधरी ने भी कर दिया सैम पित्रोदा के बयान का समर्थन?
 

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Published May 8th, 2024 at 23:38 IST

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