Updated May 1st, 2024 at 23:47 IST
अध्ययन के मुताबिक चंद्रमा पर दोहन करने योग्य गहराई में और जमा हुआ जल: ISRO
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने चंद्रमा से जुड़ी एक बड़ी जानकारी दी है। ISRO ने बताया कि अध्ययन के मुताबिक चंद्रमा पर दोहन करने योग्य गहराई में और जमा हुआ जल है।
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ISRO: एक अध्ययन में पता चला है कि चंद्रमा के ध्रुवीय गड्ढों में बर्फ के रूप में पानी की अधिक मात्रा हो सकती है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ये जानकारी दी है।
ISRO ने एक विज्ञप्ति में बताया कि ये अध्ययन अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी)/इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के शोधकर्ताओं के सहयोग से किया गया।
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5 से 8 गुना ज्यादा बर्फ
विज्ञप्ति के मुताबिक हाल के अध्ययन से पता चलता है कि पहले कुछ मीटर में उपसतह बर्फ की मात्रा दोनों ध्रुवों की सतह पर मौजूद बर्फ की तुलना में लगभग पांच से आठ गुना अधिक है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि ऐसे में बर्फ का नमूना लेने या दोहन करने के लिए चंद्रमा पर खुदाई भविष्य के मिशन और दीर्घकालिक मानव उपस्थिति के लिए अहम होगी।
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विज्ञप्ति के मुताबिक-
इसके अलावा अध्ययन से ये भी पता चलता है कि उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में बर्फ के रूप में पानी की मात्रा दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र की तुलना में दोगुनी है।
इसमें कहा गया कि इस बर्फ की उत्पत्ति के लिए अध्ययन इस परिकल्पना की पुष्टि करता है कि चंद्रमा के ध्रुवों में उपसतह जल बर्फ का प्राथमिक स्रोत इम्ब्रियन काल में ज्वालामुखी के दौरान निकलने वाली गैस है।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published May 1st, 2024 at 23:47 IST
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