Updated January 4th, 2019 at 19:52 IST
एमनेस्टी इंडिया के VIDEO में बोले नसीरुद्दीन शाह, 'पूरे मुल्क में नफरत और ज़ुल्म का बेखौफ नाच ज़ारी है'
नसीरुद्दीन शाह ने अपने इस वीडियो में केंद्र पर अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का आरोप लगाया है. ट्वीट में नसीरुद्दीन ने 'स्वतंत्र भारत' की बात की है
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शुक्रवार को बॉलिवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का एमनेस्टी इंडिया ने एक वीडियो जारी किया है. ऐमनेस्टी इंटरनैशनल के ऐम्बैसडर बने शाह एकबार फिर देश के वर्तमान हालात को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि पूरे मुल्क में नफरत और ज़ुल्म का बेखौफ नाच ज़ारी है.
नसीरुद्दीन शाह ने अपने इस वीडियो में केंद्र पर अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का आरोप लगाया है. वो यहीं नहीं रुके शाह का कहना है कि देश की हालत ऐसी हो गई है कि अमीर और ताक़तवर ही की आवाज़ सुनी जा रही है. यहां गरीब और कमज़ोर को हमेशा कुचला जा रहा है.
वीडियो के माध्यम से अधिकार समूह ने भारत सरकार को एक संदेश दिया कि उन्हें 'अपनी कार्रवाई को समाप्त करना चाहिए'. इस ट्वीट में नसीरुद्दीन शाह ने 'स्वतंत्र भारत' की बात की है
देखें नसीरुद्दीन शाह ने इस पूरे VIDEO में क्या कहा:
''हमारे आज़ाद मुल्क का संविधान 26 नवंबर 1949 को लागू हुआ. शुरू ही के सत्रों में उसकी बुनियादी उसूल वाजे कर दिए गए, जिसका मकसद ये था कि इंडिया के अंदर हर एक शहरी को समाजी, मुवाशी और सियासी इंसाफ मिल सके. सोचने की, बोलने की, किसी मजहब को मानने की और किसी भी तरह इबादत करने की आजादी हो. हर इंसान को बराबर समझा जाए. हर इंसान की जान और माल की इज्ज़त की जाए. हमारे मुल्क में जो लोग गरीबों के घरों को जमीनों को रोजगार को तबाह होने से बचाने की कोशिश करते हैं. जिम्मेदारियों के साथ-साथ हुकूक की बात करते हैं. करप्शन के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते हैं तो ये लोग दरअसल हमारे उसी ऐन की रखवाली कर रहे होते हैं. लेकिन अब हक़ के लिए आवाज़ उठाने वाले जेलों में बंद हैं. कलाकार, फंकार, अदीब, शायर सबके काम पर रोक लगाई जा रही है. जर्नलिस्ट को भी खामोश किया जा रहा है. मज़हब के नाम पर नफरतों की दीवारें खड़ी की जा रही हैं. मासूमों का क़त्ल हो रहा है. पूरे मुल्क में नफरत और ज़ुल्म का बेखौफ नाच ज़ारी है. और इन सब के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों के दफ्तरों पर रेड डाल कर के, उनके लाइसेंस कैंसिल करके, उनके बैंक अकाउंट्स फ्रीज करके उन्हें खामोश किया जा रहा है. ताकि वो सच बोलने से बाज़ आ जाएं. हमारे ऐन की क्या यही मंज़िल है? क्या हमने ऐसे ही मूल्क के ख्वाब देखे थें, जहां इक्तिलाफ की कोई गुंजाइश ना हो. जहां सिर्फ अमीर और ताक़तवर ही की आवाज़ सुनी जाए. जहां गरीब और कमज़ोर को हमेशा कुचला जाए. जहां ऐन था उधर अब अंधेरा.''
इस वीडियों को 'अबकी बार मानव अधिकार' हैशटैग के साथ शेयर किया गया है. इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, '2018 में भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ काफी कार्रवाई हुई. चलें, इस साल अपने संवैधानिक मूल्यों के लिए खड़े हों और केंद्र सरकार को कहे दें कि अब ये कार्रवाई बंद होनी चाहिए.'
वहीं, इस वीडियो को जारी करने के बाद ऐमनेस्टी इंडिया के सीईओ आकार पटेल ने भी अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, 'ऐसा लग सकता है कि देश में इस वक्त मानवाधिकार के रक्षकों और सिविल सोसायटी के सामने अड़चनें हैं, लेकिन मानवाधिकार हमेशा जीतता आया है और इस बार भी जीतेगा.'
आकार पटेल ने कहा,'हम नसीर का आभार जताते हैं कि वे अनगिनत मानवाधिकार की रक्षा करने वालों के साथ आए हैं जो कि हमलों और प्रताड़ना के बाद भी सभी लोगों के न्याय, आजादी, समानता और सम्मान के लिए लड़ रहे हैं. जो कि सच्चे हीरो हैं.'
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ऐमनेस्टी इंटरनैशनल के ऐम्बैसडर बने बॉलिवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के इस बयान के बाद सियासी पारा गरमाना आम बात है
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Published January 4th, 2019 at 19:42 IST
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