Updated February 25th, 2019 at 19:17 IST
चित्रकूट मर्डर केस: शिवराज सिंह कहा - सरकार को अपनी नाकामी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, दोषियों को फांसी होना चाहिए
पीड़ित परिवार से मिलने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'यह जनता के सुरक्षा का विषय है । इस मामले को दल-गत राजनीति से ऊपर रखना जाना चाहिए
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मध्यप्रदेश प्रदेश के चित्रकुट में अगवा हुए 5 साल के जुड़वां बच्चों की हत्या के बारे में जिसने भी सुना, उसका दिल दहल उठा। मासूम बच्चों के शवों को जब परिजनों ने देखा तो वे फूट-फूटकर रोने लगे। बच्चे उसी यूनिफॉर्म में थे, जिसमें उन्होंने 12 फरवरी को तैयार करके स्कूल भेजा था। उनके हाथ-पैर जंजीर से बंधे हुए थे। बच्चों को खोने से बदहवास पिता बार-बार यही कह रहे हैं कि हत्यारों को फांसी पर लटका दिया जाए ताकि वे फिर किसी के बच्चों के साथ ऐसा न कर पाएं। मामले में दोनों राज्यों की पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
पीड़ित परिवार से मिलने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'यह जनता के सुरक्षा का विषय है । इस मामले को दल-गत राजनीति से ऊपर रखना जाना चाहिए और इस पूरे घटनाक्रम में मैं सूबे के मुख्यमंत्री और सरकार से यह आग्रह करूंगा कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए इधर- उधर की बातें नहीं करनी चाहिए । अपहरण हुआ , सरेआम हुआ , बस में बच्चों को उतार कर ले जाया गया । उसके बाद भी हम अपहरण कर्ता को पकड़ नहीं पाए और बच्चों को ढूंढ नहीं पाए । वह बच्चे चित्रकुट में ही रखे गए । इस मामले में इंटैलिजैंस पूरी तरह फेल हो गया , बच्चें कहा रखे गए थे क्या उन्हें बचाया नहीं जा सकता था ? फिर पुलिस दावा करती रही कि सीमाएं सिल है यदि सीमा के बाहर भी बच्चे ले जाए गए और अपहरण कर्ता पकड़े नहीं गए । इस तरह की बातें चलती रही कि अपराधी पकड़े जाएंगे । प्रभारी मंत्री बयान देते रहे हैं कि जल्दी कार्रवाई होगी इसमें कोई परिवार का व्यक्ति भी शामिल है। यह उचित नहीं शर्मनाक है।
उन्होंने कहा प्रशासन की चूक और सरकार की लापरवाही के कारण दो मासूम बच्चों की जान अपहरणकर्ताओं ने ले ली और एक परिवार को बर्बाद कर दिया । यह सरकार की नाकामी है इसे स्वीकार करना चाहिए ।
शिवराज सिंह ने आगे कहा 'मुझे आश्चर्य होता है कि राज्य के गृह मंत्री ऐसे बात कर रहे हैं कि इस घटना के पीछे बीजेपी का हाथ है । शिवराज ने कहा अगर हाथ है तो हाथ को पकड़ने से रोका किसने । 13 दिन कर क्या रहे थे । क्या अपराधियों की कोई जाती धर्म पार्टी होती है । यह अपनी जिम्मेदारियों से बचना है। यह अपनी नाकामयाबी पर पर्दा डालना है। और इधर उधर की बात न करते हुए सीधे अपराधी को फांसी पर चढ़ाएं । जिसने लापरवाही की है उसके खिलाफ जांच करके कार्रवाई होनी चाहिए । और तीसरा बच्चों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाना चाहिए ताकि फिर कोई देवांश और प्रियांश न बने ।
सरकार को यह स्वीकार करना पड़ेगा । सरकार अभी ट्रांसफ़र में लगी है , तबादले को उद्योग बना रही है। सुरक्षा की तरफ उनका ध्यान नहीं है। बुजर्ग सुरक्षित नही है। बाकी सब काम छोड़ कर सुरक्षा पर ध्यान दे, रोज तबादले हो रहे हैं । अराजकता का माहौल हो गया है। मैं आगाह करना चाहता हूं सरकार को तबादले का खेल बंद कर सुरक्षा पर ध्यान दें । मेरी बेटियों को सुरक्षित लाने का विचार किया जाना चाहिए ।
आईजी ने बयान दिया कि अपहरण कर्ता के गाड़ी में एक बीजेपी का झंडा लगा हुआ है , इसपर शिवराज सिंह ने कहा उनको शर्म आनी चाहिए , वह झंडे की बता कर रहे हैं वह किसी संगठन की बात कर रहे है किसी पार्टी की बात कर रहे हैं तो आईजी को ऐक्शन लेने से रोका किसने था। यह इधर - उधर की बातों से बात नहीं चलेगा । यह सरकार तय करे कि न्यायिक जांच हो या सीबीआई जांच हो।
बता दें बदमाशों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया था, जब चित्रकूट के एक व्यापारी ब्रजेश रावत के दो जुड़वां बच्चे देवांश और प्रियांश अपनी स्कूल बस में सवार थे । उनकी उम्र 5 साल थी । पुलिस ने जब स्कूल बस में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो उन्होंने देखा कि बच्चों के अगवा करने आए बदमाशों के चेहरे भगवा रंग के कपड़े से ढके हुए थे ।
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Published February 25th, 2019 at 14:59 IST
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