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Updated April 28th, 2024 at 21:03 IST

वोटिंग से पहले लवली का 'इस्तीफा बम', मुद्दा कन्हैया-उदितराज? 5 प्वाइंट्स में समझें 'दिल का दर्द'

दिल्ली में वोटिंग के लिए एक महीना भी नहीं बचा है। इससे पहले ही कांग्रेस के भीतर की कलह सुर्खियों में आ गई है।

Reported by: Kiran Rai
arvinder singh lovely's letter to mallikarjun kharge
अरविंदर सिंह लवली ने खड़गे को लिखा खत | Image:@ArvinderLovely
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Arvinder Singh Lovely Resigns:  अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा 28 अप्रैल को सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल होते ही हंगामा बरप गया। तमाम तरह के सवाल जवाब का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस के भीतर जिस आग की बात कही जा रही थी उसकी लपटें दूर से दिखने लगी। लवली ने चार पन्नों का खत लिखा, राष्ट्रीय अध्यक्ष को अड्रेस किया। अपनी तकलीफ साझा कर मजबूरी बयां की और भरे मन से इस्तीफा सौंप दिया।

हाल ही में कांग्रेस ने दिल्ली में अपने खाते में आई तीन सीटों की तस्वीर साफ की, जिसमें उत्तर पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार, चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से उदित राज का नाम शामिल था। लवली के खत से साफ होता है कि फांस टिकट बंटवारे की अटक गई। आपत्ति दो बाहरी उम्मीदवारों कन्हैया कुमार और उदित राज को लेकर थी।

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आभार लेकिन...- अरविंदर सिंह लवली

अरविंदर सिंह लवली ने 4 पेज की चिट्‌ठी मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजी। उन्होंने लिखा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। आभार की कांग्रेस ने 31 अगस्त 2023 को उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था मैंने 7-8 महीनों में पूरी शिद्दत से जिम्मेदारी निभाई...यह पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं। मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं...इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता।

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लवली की चिट्ठी के 5 अहम बिंदु

1. दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में जो भी फैसले लिए, उसे AICC जनरल सेक्रेटरी (दिल्ली इन्चार्ज) ने वीटो कर दिया। मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था, फिर भी मुझे किसी को नियुक्त करने की अनुमति नहीं। दिल्ली के 150 ब्लॉक अध्यक्ष को नियुक्त करने का मेरा फैसला भी सिरे से खारिज कर दिया गया था। फिलहाल इन ब्लॉक में कोई अध्यक्ष नहीं हैं।

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2. दिल्ली कांग्रेस के कई नेता आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के विरुद्ध थे। AAP ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए थे... AAP के कैबिनेट के आधे मंत्री फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं... बावजूद, आला कमान ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन किया। हमने फैसले का सम्मान किया। मैंने न केवल सार्वजनिक रूप से इसका समर्थन किया, बल्कि यह भी तय किया कि दिल्ली यूनिट हाईकमान के आदेश के मुताबिक हो। AICC महासचिव (संगठन) के कहने पर, मैं केजरीवाल की गिरफ्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ उनके घर पर भी गया, जबकि यह मेरे उसूलों के खिलाफ था। इस गठबंधन के बाद दिल्ली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 3 संसदीय सीटें दी गईं हैं।

3. दिल्ली में गठबंधन में कांग्रेस पार्टी को दी गई सीमित सीटों और पार्टी के भले के लिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया, ताकि ये सीट दिल्ली कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ सदस्यों को दी जा सकें... संभावित उम्मीदवार के तौर पर भी अपनी दावेदारी खत्म कर दी। 12 मार्च 2024 को सभी अखबारों में यह खबर भी पब्लिश की गई...इन 3 सीटों में से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी ऑब्जर्वर और स्थानीय कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करते हुए नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली की सीटें ऐसे 2 उम्मीदवारों को दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों से पूरी तरह अनजान थे।

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लवली की चिट्ठी

4.  लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट का फाइनल फैसला कांग्रेस आला कमान का होता है, जिसका मैं सम्मान करता हूं। लेकिन आला कमान ने 2 कैंडिडेट्स ऐसे उतारे, जिनके बारे में दिल्ली कांग्रेस से चर्चा नहीं की गई। अगर मुझे पहले बताया होता तो मैं ज्यादा बेहतर तैयारी कर पाता। अभी तक पार्टी के किसी भी सीनियर लीडर ने मुझसे लोकल नेताओं के साथ समीकरण बनाने को लेकर चर्चा नहीं की है। मैं हर नाराज नेता से मिलकर पार्टी को एकजुट रखने की कोशिश कर रहा था...हाल ही में दिल्ली कांग्रेस ने 3 लोकसभा कैंडिडेट्स का ऐलान किया था। इसके बाद नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के उम्मीदवार के खिलाफ हमारी पार्टी के ही कुछ वर्कर्स ने प्रोटेस्ट किया था। सिचुएशन संभालने के लिए मैंने पब्लिक में कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी आवाज उठाने का हक है। पब्लिक में मेरे दिए गए बयान को लेकर AICC जनरल सेक्रेटरी (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे मामला संभालने के लिए पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान और पूर्व विधायक सुरेंदर कुमार को सस्पेंड करने को कहा।

दो उम्मीदवारों को लेकर छलका दर्द

5. दिल्ली कांग्रेस की स्थिति तब और बिगड़ गई जब उत्तर पश्चिमी दिल्ली के दावेदार ने आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने हमारे पार्टी वर्कर्स का अपमान किया था। इसके बाद उन्होंने मुझे कई चिट्ठी लिखी, जिसमें स्थानीय नेताओं को सस्पेंड करने की मांग की गई। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से उम्मीदवार भी पार्टी लाइन और स्थानीय कार्यकर्ताओं की मान्यताओं को दरकिनार करते हुए दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बाइट दे रहे हैं। असलियत और दिल्ली की जनता की पीड़ा के उलट उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली को लेकर AAP के झूठे प्रचार का समर्थन किया। 
 

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ये भी पढ़ें- कांग्रेस को बड़ा झटका, दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा

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Published April 28th, 2024 at 13:30 IST

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