Updated March 27th, 2024 at 14:18 IST
हरियाणा की Sirsa Lok Sabha पर कौन मारेगा बाजी? BJP ने दुग्गल का टिकट काट तंवर पर खेला दांव
Sirsa Seat : हरियाणा की सिरसा लोकसभा पर बीजेपी ने सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर डॉ. अशोक तंवर पर दांव खेला है। जानें क्यों खास है सिरसा सीट?
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Haryana Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 बिल्कुल नजदीक है, सभी पार्टियां चुनाव में जुट गई हैं एक तरफ बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा करने के लिए पूरा जोर लगा रही है तो दूसरी ओर विपक्षी दल भी उलटफेर करने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। बात करें हरियाणा की सिरसा सीट की तो यह सीट (SC) काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
बीजेपी ने अपनी मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर सिरसा सीट पर इस बार डॉ. अशोक तंवर पर दांव खेला है। बता दें हरियाणा में लोकसभा चुनाव छठे चरण में होने जा रहे हैं, 25 मई 2024 को यहां चुनाव होंगे।
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सबसे पुराने स्थानों में से एक है सिरसा
सिरसा जिले में कुल 342 गांव हैं, यह सीट 1962 में अस्तित्व में आई थी। वहीं सिरसा को उत्तर भारत के सबसे पुराने स्थानों में से एक माना जाता है। बता दें सिरसा धर्म, राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में अपनी पूरी पहचान बना चुका है। इसलिए हरियाणा में सिरसा लोकसभा सीट बेहद खास है।
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सुनीता दुग्गल ने अशोक तंवर को हराया था
बात करें पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की तो बीजेपी की सुनीता दुग्गल ने डॉ. अशोक तंवर को 3,09,918 वोटों से हराया था। सुनीता दुग्गल को 7,14,351 वोट मिले थे, वहीं अशोक तंवर को 404,433 वोट मिले थे। लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद डॉ. अशोक तंवर को बीजेपी ने लड़ने का मौका दिया है।
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सुनीता दुग्गल की जगह अशोक तंवर को मौका
आम आदमी पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए तंवर के टिकट मिलने का बड़ा कारण क्षेत्र में उनकी सक्रियता और अनुसूचित जाति का बड़ा चेहरा होना, इसके अलावा तंवर का जुझारूपन और हार के बावजूद सिरसा क्षेत्र में सक्रिय बने रहना भी टिकट का आधार माना जा रहा है।
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अशोक 2014 में इनेलो के चरणजीत से हारे
वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में इनेलो के चरणजीत सिंह रोरी ने अशोक तंवर को 1,15,736 वोटों से हराया किया था। चरणजीत सिंह को 5,06,370 वोट मिले थे, वहीं डॉ. अशोक तंवर को 3,90,634 वोट मिले थे।
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सिरसा में है देश में सबसे ज्यादा गौशालाएं
हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे सिरसा को उत्तर भारत के सबसे पुराने स्थानों में से एक माना जाता है। सिरसा धर्म, राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में अपनी पूरी पहचान बना चुका है। आर्थिक रूप से संपन्न सिरसा का जन्म महाभारत काल और आजादी से भी पहले हुआ था। देश में सबसे ज्यादा गौशालाएं जिला सिरसा में ही हैं। कृषि के क्षेत्र में भी सिरसा ने नए आयाम स्थापित किए हैं।
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Published March 27th, 2024 at 14:18 IST
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