Updated April 25th, 2024 at 11:09 IST
हैदराबादः बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी उतारा ओवैसी के खिलाफ उम्मीदवार, अब त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
इस सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन 1984 में पहली बार चुनाव जीते थे और वो 20 सालों तक यहां से सांसद बने रहे।
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बुधवार (24 अप्रैल) की शाम को कांग्रेस ने उम्मीदवारों की एक लिस्ट और जारी कर दी है। इस लिस्ट में कांग्रेस ने हैराबाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ उम्मीदवार उतारा है। कांग्रेस ने मोहम्मद वलीउल्लाह समीर को हैदराबाद से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस तरह से अब असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ अब बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। अब इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। बीजेपी ने इस सीट पर माधवी लता को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इसके अलावा कांग्रेस ने इस लिस्ट में दो और सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। कांग्रेस ने करीम नगर सीट से वलीचला राजेंद्र राव को उम्मीदवार बनाया तो वहीं खम्मम सीट से रामाश्याम रघुराम रेड्डी को मैदान में उतारा है। इस बार हैदराबाद सीट से ओवैसी ब्रदर्स ने खास तरीके से की रणनीति अपनाते हुए दोनों भाइयों ने नामांकन दाखिल किया हैय़
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40 सालों से ओवैसी फैमिली का हैदराबाद सीट पर कब्जा
हैदराबाद की लोकसभा सीट पर बीते 40 सालों से ओवैसी परिवार जिस सीट पर कब्जा जमाए हुए है। हालांकि इस बार बीजेपी ने माधवी लता को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है और उसके बाद अब कांग्रेस ने भी वहां से अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। इस वजह से इस बार हैदराबाद में निजाम की कुर्सी हिलती हुई दिखाई दे रही है। आपको बता दें कि हैदराबाद सीट को एआईएमआईएम का किला माना जाता है। इस सीट पर साल 1984 से ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है। इस सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन 1984 में पहली बार चुनाव जीते थे और वो 20 सालों तक यहां से सांसद बने रहे।
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हैदराबाद सीट पर ओवैसी ब्रदर्स की रणनीति
इस बार हैदराबाद लोकसभा सीट से AIMIM से दोनों ओवैसी बंधुओं ने नामांकन दाखिल किया है। इस तरह के नामांकन को वैकल्पिक उम्मीदवार या बैकअप नामांकन कहते हैं। इस रणनीति के मुताबिक अगर मुख्य उम्मीदवार के नामांकन में कोई गलती होने की वजह से नामांकर रद्द हो रहा हो तो दूसरे उम्मीदवार का नामांकन तुरंत करवा कर उसे चुनाव में उतार सकते हैं। ऐसे अगर असदुद्दीन ओवैसी का नामांकन किन्ही वजह से खारज हो जाए तो अकबरुद्दीन का नामांकन भी बैकअप के तौर पर बना रहे।
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Published April 25th, 2024 at 11:09 IST
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