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Updated May 4th, 2024 at 16:40 IST

'पत्नी की सहमति का कोई महत्व नहीं, पत्नी के साथ किसी भी तरह का यौन संबंध बना सकता है पति': हाई कोर्ट

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पत्नी की सहमति का कोई महत्व नहीं है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kunal Verma
Woman Can't Be Held Responsible For Lover's Suicide If Relationship Ends
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image:Unsplash
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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से अधिक है तो उसकी सहमति का कोई महत्व नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर लड़की की उम्र 15 साल से अधिक है और वो शादीशुदा है तो उसका पति उसके साथ किसी भी तरह का यौन संबंध बना सकता है, चाहे वो अप्राकृतिक ही क्यों न हो।

पत्नी की सहमति का महत्व नहीं रह जाता

जस्टिस गुरपाल अहलूवालिया की बेंच ने कहा कि अगर शादी वैध है, पत्नी की उम्र 15 साल से ऊपर है और वो अपने पति के साथ रह रही है तो उसकी सहमति का कोई महत्व नहीं रह जाता। उसके साथ अप्राकृति यौन संबंध रेप नहीं माना जाएगा। हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि इस मामले में केवल एक अपवाद है और वो है- धारा 376B. इसके अंतर्गत अगर पति-पत्नी न्यायिक या फिर किसी और कारण से एक दूसरे से दूर रह रहे हैं तो इस मामले में ऐसी गतिविधियों को रेप माना जाएगा।

आपको बता दें कि कोर्ट ने ये टिप्पणी मनीष साहू नाम के एक शख्स के केस में की, जिसपर पत्नी ने अप्राकृतिक सेक्स का आरोप लगाया था। कोर्ट ने उसके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया।

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विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि हिंदू विवाह ‘‘नाचने-गाने, खाने-पीने’’ या वाणिज्यिक लेनदेन का अवसर नहीं है और वैध रस्मों को पूरा किए बिना किसी शादी को हिंदू विवाह अधिनियम के तहत मान्यता नहीं दी जा सकती है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हिंदू विवाह एक संस्कार और पवित्र बंधन है जिसे भारतीय समाज में काफी महत्व दिया जाता है।

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हाल ही में पारित अपने आदेश में पीठ ने युवक-युवतियों से आग्रह किया कि वे “विवाह की संस्था में प्रवेश करने से पहले ही इसके बारे में गहराई से विचार करें क्योंकि भारतीय समाज में विवाह एक पवित्र बंधन है।’’ पीठ ने दो प्रशिक्षित वाणिज्यिक पायलटों के मामले में अपने आदेश में यह टिप्पणी की। दोनों पायलटों ने वैध रस्मों से विवाह किए बिना ही तलाक के लिए मंजूरी मांगी थी।

(PTI इनपुट के साथ)

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Published May 4th, 2024 at 16:40 IST

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