Updated May 7th, 2024 at 19:25 IST
शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता सरकार को 'सुप्रीम फटकार', CJI ने पूछा- ऐसे व्यवस्था में क्या बचेगा?
सुनवाई करते हुए CJI ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों से कहा, 'सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं... अगर जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा।
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Bengal teachers recruitment case : पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनियोजित धोखाधड़ी बताया है। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड संभाल कर रखते। इससे लोगों का भरोसा उठ जाएगा।
CJI डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के 22 अप्रैल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया था। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के पास यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है कि उसके अधिकारियों ने डेटा संभाल कर रखा। पीठ ने डेटा की उपलब्धता के बारे में भी पूछा।
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CBI को जांच जारी रखने की अनुमति
पीठ ने राज्य सरकार के वकीलों से कहा, 'या तो आपके पास डेटा है या नहीं है। डिजिटल रूप में दस्तावेज संभाल कर रखना आपकी जिम्मेदारी थी। अब यह जाहिर हो चुका है कि डेटा नहीं है। आपको यह बात पता ही नहीं है कि आपके सेवा प्रदाता ने किसी अन्य एजेंसी को नियुक्त किया है। आपको उसके ऊपर निगरानी रखनी चाहिए थी।' सुप्रीम कोर्ट ने CBI को पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी है।
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'व्यवस्था में क्या बचेगा?'
मामले की सुनवाई करते हुए CJI ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों से कहा, 'सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं... अगर जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा। यह व्यवस्थागत धोखाधड़ी है। सरकारी नौकरियां आज बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक विकास के रूप में देखा जाता है। अगर नियुक्तियों पर भी सवाल उठने लगें तो व्यवस्था में क्या बचेगा? लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा, आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं?'
HC के आदेश पर SC ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। मामले को लेकर बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद अब यह बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्पष्ट किया गया कि ये अंतरिम रोक है। अगर सुप्रीम कोर्ट आगे चलकर किसी नियुक्ति को गैरकानूनी पाता है, तो उसे अपना वेतन वापस करना होगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के निर्देश के अनुसार CBI की जांच जारी रहेगी। वहीं शीर्ष न्यायालय इस मामले पर 16 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा।
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Published May 7th, 2024 at 19:25 IST
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