Updated May 8th, 2024 at 14:42 IST
'पूर्वी भारत में रहने वाले चीनी, साउथ में रहने वाले अफ्रीकन...', सैम पित्रोदा ने खड़ा किया नया विवाद
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत कर के बाद अब नस्लवाद को लेकर कहा कि पूर्वी भारत में रहने वाले चीनी, साउथ में रहने वाले अफ्रीकन जैसे लगते हैं।
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इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स के बाद अब नस्लवाद को लेकर विवादित बयान दिया है। दरअसल, पित्रोदा का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें वो भारतीय लोगों के रंग-रुप को लेकर विवादित बयान देते नजर आ रहे हैं। ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि भारत के पूर्व में रहने वाले चीनी साउथ में रहने वाले अफ्रीकन जैसे लगते हैं।
जो वीडियो सामने आई है, उसमें सैम पित्रोदा कहते हैं, "भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं। यहां पूर्व के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। हम सभी भाई-बहन हैं।" इससे पहले उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आती है, तो विरासत कर वापस आएगी।
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इससे पहले सैम पित्रोदा की 'विरासत कर कानून' वाली टिप्पणी ने भारत में नया विवाद खड़ा कर दिया। विरासत कर को लेकर टिप्पणी ने एक बार फिर से कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के तमाम नेताओं ने सैम पित्रोदा के बयानों के बाद कांग्रेस को हाथों हाथ ले लिया और एक के बाद एक निशाना साध रहे हैं। ऐसे में सबसे पहले विरासत कर के इतिहास के बारे में जानना चाहिए, जो कभी भारत में भी लागू था लेकिन अब नहीं है। कांग्रेस नेता इसे ही वापस लागू करने की बात कह रहे थे, जिसपर इतना विवाद खड़ा हो गया। हालांकि, भारत के अलावा कई बड़े देशों में विरासत कर लगता है।
क्या है विरासत कर?
विरासत कर मृत लोगों की प्रॉपर्टी या धनराशि पर लगने वाला कर है। आसान सी भाषा में कहें तो, किसी इंसान की मौत होने के बाद विरासत में जो आपको प्रॉपर्टी मिलती है, उसपर जो कर लगाया जाता है, उसे विरासत कर कहा जाता है। टैक्स फाउंडेशन की मानें तो संपत्ति और विरासत कर आपस में समान है। ये दोनों ही कर मृत्यु के बाद लगाए जाते हैं।
प्रॉपर्टी लेने वाले पर लगाया जाता है विरासत कर
जिस तारीख को किसी शख्स की मृत्यु होती है, उस दिन से उसके स्वामित्व वाली संपत्ति पर मूल्य लगाया जाता है और इसे संपत्ति कर कहते हैं। वहीं विरासत कर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद संपत्ति हासिल करने वालों पर लगाया जाता है। इसे लेकर थॉमस पिकेटी, सैज और जुकमैन ने कहा था कि योग्यता की दृष्टि से विरासत में मिली संपत्ति पर आय अर्जित करने या फिर स्व-निर्मित संपत्ति वाले की तुलना में अधिक दरों पर कर लगाया जाना चाहिए।
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Published May 8th, 2024 at 12:35 IST
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