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Updated March 21st, 2024 at 14:55 IST

भ्रामक विज्ञापन मामले में बालकृष्ण ने मांगी माफी, SC ने 2 अप्रैल को पेश होने का दिया आदेश

पतंजली को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नोटिस भेजा गया, जिसके बाद आचार्य बालकृष्ण का माफीनामा सामने आया है।

Reported by: Kanak Kumari
Supreme Court pulls up Patanjali for misleading ads
भ्रामक विज्ञापन मामले में आचार्य बालकृष्ण ने मांगी माफी | Image:Supreme Court, Patanjali
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पतंजली केस में 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजकर कर आचार्य रामकृष्ण को पेश होने के लिए कहा। इसके साथ ही कोर्ट ने जमकर फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के आदेश के बाद अब पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने कंपनी द्वारा भ्रामक विज्ञापनों के लिए हलफनामा जारी करके बिना शर्त माफी मांगी है।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को 2 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर पेश होने का आदेश दिया है। बालकृष्ण ने पतंजलि के विज्ञापनों में अपमानजनक बातों के लिए माफी मांगी है। पतंजलि ने ये भी कहा कि ये बातें अनजाने में लिख दी गई। बालकृष्ण की ओर से जारी हल्फनामे में ये भी लिखा है कि वो भविष्य में इस तरह के विज्ञापन नहीं छापेंगे।

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इससे पहले मामले में सुनवाई के दौरान SC ने बाबा रामदेव के वकील से कहा, "अब आपके मुवकिल को अदालत में पेश होने के लिए कहेंगे। अब हम रामदेव के भी पक्ष बनायेंगे और दोनों को अदालत में पेश होने को कहेंगे। हम मामले की सुनवाई नहीं टालने जा रहे है। ये बात बिल्कुल साफ है।"

सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को जमकर लगाई फटकार

SC ने आयुष मंत्रालय को भी जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट का कहना है कि आखिर इस मामले में एक दिन पहले क्यों जवाब दाखिल किया गया। हालांकि, इसपर केंद्र  की ओर से कोर्ट से इस मामले में नए हलफ्नामे में जवाब के लिए थोड़ा और वक्त मांगा गया है। कोर्ट ने कहा है कि मैनेजिंग डायरेक्टर को अगले सुनवाई के लिए पेश होना होगा। वहीं कोर्ट ने बाबा रामदेव को भी नोटिस जारी किया। उनसे पूछा गया है कि कोर्ट की अवमानना के तहत मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाए।

कोर्ट ने केंद्र को दिया 2 हफ्ते का समय

सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को फटकार लगाने के बाद अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। दो हफ्ते में केंद्र को अपना जवाब दाखिल करना होगा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिसों का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। बता दें, उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया था कि अदालत को दिए गए वचन का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए। ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें रामदेव पर टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है।

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Published March 21st, 2024 at 09:10 IST

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