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Updated May 5th, 2024 at 19:50 IST

अंगदान दर में सुधार के लिए आईसीयू में मस्तिष्क मृत्यु के मामलों की निगरानी करें: केंद्र

राज्यों को दी गई सलाह का उद्देश्य देश में अंगदान की दर को बढ़ाना है। यह दर प्रति दस लाख की आबादी पर एक दाता से भी कम है।

organ donation
organ donation | Image:X- MYGovArunachal
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केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे गहन चिकित्सा कक्षा (आईसीयू) में भर्ती मरीजों का मस्तिष्क मृत होने के मामलों पर नजर रखें, क्योंकि ऐसे मामलों की खराब पहचान एवं खराब प्रामाणीकरण के कारण देश में अंगदान की दर निम्न स्तर पर बनी हुई है।

राज्यों को दी गई सलाह का उद्देश्य देश में अंगदान की दर को बढ़ाना है। यह दर प्रति दस लाख की आबादी पर एक दाता से भी कम है।

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राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘भारत में अंगदान की दर लगातार कम (एक वर्ष में प्रति दस लाख जनसंख्या पर एक दाता से भी कम) बनी हुई है।’’

पत्र में कहा गया कि आईसीयू में भर्ती मरीजों का मस्तिष्क मृत होने से जुड़े मामलों पर नजर रखी जाए, क्योंकि ऐसे मामलों की खराब पहचान एवं खराब प्रामाणीकरण के कारण देश में अंगदान की दर निम्न स्तर पर बनी हुई है। मानव अंग ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार, आईसीयू में संभावित मस्तिष्क मृत्यु के मामलों की पहचान करना आवश्यक है।

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कुमार ने कहा कि इसके अलावा यह जांचना अनिवार्य है कि क्या ऐसे संभावित दाताओं ने अंगदान का संकल्प लिया था और यदि नहीं, तो परिवार के सदस्यों को हृदय गति रुकने से पहले कानून के तहत अंगदान करने के अवसर के बारे में जागरूक किया जाए। यह पत्र पिछले महीने सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और क्षेत्रीय तथा राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठनों के निदेशकों को भेजा गया।

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Published May 5th, 2024 at 19:50 IST

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