Updated March 7th, 2019 at 21:30 IST
कमलनाथ के 76 दिन के रिपोर्ट कार्ड पर शिवराज का तंज- कर्जा माफी के नाम पर हरा, लाल, पीला फार्म भरवाकर किसानों को सिर्फ टहलाने का काम किया
शिवराज सिंह ने कहा 'इन बीते 76 दिनों में प्रदेश में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि ढाई मुख्यमंत्री राज्य को चला रहे हैं।
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कमलनाथ सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि जो पार्टी 70 साल में कुछ नहीं कर पाई, उसने 76 दिनों अपने 83 काम करने का ढिंढोरा पीट दिया। मैं आपको बताता हूं कि कांग्रेस ने समृद्ध मध्यप्रदेश को कैसे अराजकता, अशांति, अपहरण और हिंसा का गढ़ बना दिया-इन बीते 76 दिनों में 15 वर्षों बाद प्रदेश में फिर एक बार डकैतों की वापसी हुई है।
पूर्व सीएम ने एक के बाद एक 13 ट्वीट कर सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर सवाल खड़े किए गए हैं। उन्होंने लिखा है "मैं आपको बताता हूं कि कांग्रेस ने समृद्ध मध्य प्रदेश को कैसे अराजकता, अशांति, अपहरण और हिंसा का गढ़ बना दिया। बीते 76 दिनों में 15 वर्षों बाद प्रदेश में फिर एक बार डकैतों की वापसी हुई है...।"
शिवराज सिंह ने कहा 'इन बीते 76 दिनों में प्रदेश में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि ढाई मुख्यमंत्री राज्य को चला रहे हैं। जनता को एक और भी नया अनुभव हुआ है कि राज्य में मुख्यमंत्री के ऊपर भी एक सुपर सीएम हैं। कृषि मंत्री मुख्यमंत्री से बिना पूछे योजनाओं को बंद करने लगे हैं।' उन्होंने कहा, 'मध्यप्रदेश ने बीते 76 दिनों में देखा कि प्रदेश के मंत्री गणतन्त्र दिवस के भाषण नहीं पढ़ पा रहे हैंl श्रमिकों के हित में बनी संबल योजना और राज्य बीमारी सहायता योजना बंद कर दी गई।''
पूर्व सीएम ने कहा 'बीते 76 दिनों में ये देखने में आया कि 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करने वाली धोखेबाज सरकार प्रदेश में है, एक किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ और राहुल बाबा के वादे के अनुसार तो अब तक 7 सीएम बदल जाने चाहिए थेl दिग्विजय सिंह, सिंधिया से लेकर जीतू पटवारी तक को सीएम बन जाना चाहिए था।' उन्होंने आगे कहा ''इन बीते 76 दिनों में कर्जा माफी के नाम पर हरा, लाल, पीला फार्म भरवाकर किसानों को सिर्फ टहलाने का काम हुआ है। प्रदेश में समय काटू सरकार है। ओला–पाला से नुकसान हुई फसल का जायजा लेने मुख्यमंत्री तो दूर पटवारी, अधिकारी, मंत्री भी नहीं पहुंच रहे।
शिवराज सिंह ने कहा 'राजगढ़, सीहोर, मंदसौर सहित अनेक शहरों में ओला वृष्टि से किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, लेकिन सरकार भोपाल में बैठ के मुआयना कर महज मुआवजा राशि देने की बात कर रही है। मंडियों में किसान भाई धान लेकर खड़े रहे लेकिन उनकी सुध लेने वाला एक भी अधिकारी नहीं मिला।'
उन्होंने आगे कहा 'बीते 76 दिनों में सरकार ने धान के परिवहन की व्यवस्था तक नहीं की और किसान रात-रात भर मंडी के बाहर सोने को मजबूर हुए। धान की खरीदी के समय ही पोर्टल बंद रहे। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या होगा कि खरीदी केन्द्रों पर सरकार किसानों को बोरियां सिलने के लिए रस्सी तक उपलब्ध नहीं करा पायी।'
शिवराज सिंह ने कहा 'बीते 76 दिनों में प्रदेश में भय, आतंक, अराजकता का माहौल बन गया है। इंदौर और चित्रकोट में अपहरण हुआ। मासूम प्रियांश और श्रेयांश की दुखद हत्या हो गई और सरकार ट्रांस्फर के धंधे में लगी रही। बघेलखंड, निमाड़, महाकौशल में खुलेआम गोलियां चलने लगी, लेकिन सरकार को परवाह ही नहीं।''
पूर्व सीएम ने कहा इन बीते 76 दिनों में एक बार फिर बिजली की कटौती शुरू हो गई है, लालटेन युग की वापसी हुई है। सरकार थोक बंद तबादले में लगी रही, प्रशासन और ला एंड ऑर्डर की व्यवस्था चरमरा गई, 76 दिन में 7600 से ज्यादा तबादले हुए।
उन्होंने कहा 'कमलनाथ जी के मंत्री कन्या विवाह में देशी-विदेशी पिलाने की व्यवस्था करने में लग गए। कांग्रेस के मंत्री बुजुर्ग किसानों को बीड़ी, खैनी, तंबाखू खिलाने की बाते करने लगे हैं। जनता को इन 76 दिनों में यह एहसास हुआ है कि जैसे मंत्री ही नशे के कारोबार को बढ़ावा देना चाह रहे हैं।
पूर्व सीएम ने कहा इन बीते 76 दिनों में राज्य की जनता ने देखा कि कांग्रेस के नेता और गुंडे कैसे चुने हुए जनप्रतिनिधियों का अपमान कर जनादेश को खंडित करने में लगे हैं। ग्वालियर के अर्धसीएम भी पूर्व में हुए लोकार्पण शिलान्यास को दोबारा करने के लिए हठ करने लग गए हैं।
इन बीते 76 दिनों में तो अब मुख्यमंत्री ही आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर झूठ बोलकर राजनीति करने में लग गए हैं। मिस्टर बंटाढार रिटर्न्स हो चुका है। उन्होंने कहा 'इन बीते दिनों में 2003 के पहले जैसे मध्यप्रदेश का आगाज हो चुका है, जनता को 76 दिनों में ही 15 साल के पहले वाले मध्यप्रदेश का एहसास दिलाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का धन्यवाद, जनता आपको समझ गयी है और जल्द ही बड़े बदलाव के इंतज़ार में है।'
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Published March 7th, 2019 at 21:30 IST
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