Updated October 26th, 2021 at 19:24 IST
दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के मामलों की रफ्तार तेज, यूपी में भी मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बता दें, राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों जैसे उत्तर प्रदेश में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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दिल्ली (Delhi dengue Cases) के अस्पतालों में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। बता दें, राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों जैसे उत्तर प्रदेश में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सर गंगा राम अस्पताल (Sir Ganga Ram Hospital) के मेडिसिन विभाग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ पूजा खोसला (Dr Pooja Khosla) ने कहा, "कई युवा रोगी डेंगू बुखार (dengue fever) और डेंगू रक्तस्रावी बुखार (dengue haemorrhagic fever) के साथ आ रहे हैं और उनमें से बहुत से मामले ऐसे हैं जिसमें मरीज को यह मालूम नहीं कि उन्हें पहले भी डेंगू है। जब मरीजों की आईजीजी स्तर की जांच की जा रही है तब उन्हें बीमारी का पता चल रहा है।"
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इस संबंध में आगे उन्होंने कहा, "हमें दिल्ली के बाहर खासकर उत्तर प्रदेश से भी बहुत सारे मामले मिल रहे हैं।" दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मलेरिया के 154 मामलों के साथ डेंगू के कम से कम 1,006 मामले सामने आए हैं। वहीं चिकनगुनिया के भी 73 मामले सामने आए हैं।
डॉ खोसला ने कहा, "बीते कुछ महीनों के दौरान डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है। डेंगू एक मौसमी बीमारी है और बारिश के बाद यह बढ़ जाती है। दिवाली के बाद मामलों में गिरावट शुरू होते हैं। यह सामान्य डेंगू व्यवहार है। हालांकि पिछली बार यह मामले निश्चित रूप से कम थे। हम सभी को बहुत सावधान रहना होगा।" इससे पहले सितंबर में दिल्ली में वेक्टर नामक बीमारी की वजह से पहली मौत देखी गई थी। बता दें, डेंगू वायरस (DENV) बुखार और रक्तस्रावी संवेदनाओं जैसे गंभीर लक्षणों का कारण बनता है।
DENV-2 अधिक गंभीर बीमारियों से जुड़ा है और इसे इसका सबसे खतरनाक स्ट्रेन माना जाता है। डेंगू के संक्रमण चार मुख्य प्रकारों के कारण होते हैं, जिनका नाम डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 है। वायरस के इन चार प्रकारों का मानव रक्त सीरम में एंटीबॉडी के साथ अलग-अलग संपर्क होता इसलिए इन चारों को सीरोटाइप कहा जाता है।
चार DENV सीरोटाइप का मतलब है कि चार बार संक्रमित होना संभव है। डेंगू का मौसम मानसून के बाद शुरू होता है और सर्दियों की शुरुआत तक रहता है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं ने एक ऐसे बैक्टीरिया की पहचान की है जो बीमारी फैलाने वाले मच्छर को स्टरलाइज़ कर सकता है और इस तरीके का इस्तेमाल भविष्य में डेंगू, येलो फीवर और जीका (Zika) वाहकों को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
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Published October 26th, 2021 at 19:15 IST
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