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Updated April 30th, 2024 at 08:49 IST

14 साल की रेप विक्टिम का अब नहीं होगा अबॉर्शन, मां-बाप के मन बदलने पर अदालत ने वापस लिया आदेश

न्यायालय ने बलात्कार पीड़िता के माता-पिता के मन बदलने पर गर्भपात का आदेश वापस लिया

Supreme court
SC पहुंची बंगाल सरकार | Image:PTI
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Supreme Court News: उच्चतम न्यायालय ने 14 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के माता-पिता के अपना मन बदलने के बाद सोमवार को अपना 22 अप्रैल का आदेश वापस ले लिया, जिसमें उसने लड़की को 30 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दी थी।

नाबालिग लड़की का कल्याण ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ बताते हुए शीर्ष अदालत ने 22 अप्रैल को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए लड़की को अपना गर्भ गिराने की अनुमति दी थी। अनुच्छेद 142 के तहत न्यायालय को किसी भी मामले में पूर्ण न्याय के लिए आवश्यक आदेश पारित करने का अधिकार है।

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प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अपराह्न दो बजे अदालत कक्ष में मामले की सुनवाई की और पीठ की सहायता कर रहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी तथा नाबालिग लड़की के माता-पिता के वकील से बातचीत की।

मामले से जुड़े वकीलों ने कहा कि लड़की के माता-पिता ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से न्यायाधीशों के साथ बातचीत की। लड़की के माता-पिता ने कहा कि उन्होंने गर्भावस्था की पूरी अवधि तक इंतजार करने का फैसला किया है।

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प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने अभिभावकों की दलीलें स्वीकार कर लीं और 22 अप्रैल का आदेश वापस ले लिया।

ये भी पढ़ें- 8 साल की बच्ची के साथ रेप, फिर 13 साल के बच्चे ने नाले में.... गाजियाबाद में दिल दहलाने वाली वारदात

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published April 30th, 2024 at 08:49 IST

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