Updated April 30th, 2019 at 12:22 IST
नागरिकता पर बुरे फंसे राहुल : सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को भेजा नोटिस
ब्रमण्यम स्वामी ने कई मौकों पर राहुल की नागरिकता को लेकर सवाल उठाया था, वहीं भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष की नागरिकता और शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए थे।
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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी के नागरिकता को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'दोहरी नागरिकता' के आरोपों को लेकर राहुल को नोटिस जारी किया है।
दरअसल, बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को उनकी नागरिकता के मुद्दे पर नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब देने के लिए राहुल को 14 दिनों का समय दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि उसे भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अर्जी मिली है। उसमें कहा गया है कि राहुल गांधी ब्रिटेन में 2003 में पंजीकृत कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड के डायरेक्टर्स में शामिल थे।
मंत्रालय के अनुसार, स्वामी का कहना है कि ब्रिटिश कंपनी के 10 अक्टूबर, 2005 और 31 अक्टूबर, 2006 को भरे गए वार्षीक टैक्स रिटर्न में गांधी की जन्म तिथि 19 जून, 1970 बतायी गई है। उसमें गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है।
सोमवार को जारी नोटिस के अनुसार, इसके अलावा 17 फरवरी, 2009 को इस कंपनी की परिसमापन अर्जी में भी आपकी नागरिकता ब्रिटिश बतायी गई है।। आपसे अनुरोध किया जाता है कि इस संबंध में आप एक सप्ताह के भीतर अपना तथ्यात्मक रूख मंत्रालय के समक्ष स्पष्ट करें।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कई मौकों पर राहुल की नागरिकता को लेकर सवाल उठाया था, वहीं भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष की नागरिकता और शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए थे। उनसे इस मामले पर सफाई देने को कहा था। बता दें, अमेठी सीट से गांधी की उम्मीदवारी के खिलाफ निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की गई थी, हालांकि निर्वाचन अधिकारी ने उनके नामांकन को सही पाया था।
बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने दावा किया कि एक ब्रिटिश कंपनी ने अधिकारियों के समक्ष अपने प्रतिवेदन में गांधी को एक ब्रिटिश नागरिक बताया। राहुल गांधी ने 2004 में कहा था कि उन्होंने इस कंपनी में निवेश किया था।
शिकायत का हवाला देते हुए, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 2004 से 2014 के दौरान विभिन्न चुनावों में गांधी द्वारा दिये गए हलफनामे में “विसंगतियां हैं और तथ्यों को दबाने का प्रयास किया गया”। राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय से विकास अर्थशास्त्र में एम. फिल किया था लेकिन बाद में दावा किया कि यह विकास अध्ययन में था।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जांच में यह पता चलता है कि उस वर्ष एक राहुल विंसी को डिग्री मिली थी न कि राहुल गांधी को।
राव ने कहा, “हम यह जानना चाहेंगे कि क्या राहुल गांधी विभिन्न देशों में कई नामों से जाने जाते हैं।”
उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि क्या गांधी की योग्यता भी कांग्रेस के घोषणा-पत्र की तरह है जो हर पांच साल पर बदल जाती है।
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Published April 30th, 2019 at 11:12 IST
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