Updated May 3rd, 2024 at 16:38 IST
'डरे सहमे हैं, अमेठी छोड़ वायनाड भागे, अब रायबरेली; वो वहां भी हारेंगे', राहुल पर बोले अनुराग ठाकुर
राहुल गांधी के अमेठी सीट छोड़ने पर अनुराग ठाकुर ने उन्हें डरा सहमा बताया है। उन्होंने काह कि पहले अमेठी छोड़कर Wayanad गए अब रायबरेली से भी हार जाएंगे।
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Uttar Pradesh की अमेठी लोकसभा सीट को गांधी परिवार का सबसे मजबूत किला माना जाता रहा है। इस किले में पिछले लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने सेंधमारी करदी थी। लोकसभा चुनाव 2024 में ये पहली बार होगा जब 25 सालों में गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं उतरा। राहुल गांधी ने अमेठी सीट को छोड़ दिया है। इसके बाद बीजेपी गांधी परिवार और कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।
राहुल गांधी के अमेठी सीट छोड़ने पर बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने उन्हें डरा सहमा बताया है। उन्होंने कहा कि पहले अमेठी छोड़कर वायनाड (Wayanad) गए, फिर वायनाड से भी भागे और रायबरेली (Raebareli) पहुंचे अब वो रायबरेली से भी हार जाएंगे। अनुराग ने कहा-
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'पहले अमेठी छोड़ा तो वायनाड पहुंचे अब वायनाड की हार से इतना डर गए हैं और अमेठी में तो हार दिख ही रही है तो अब रायबरेली चले गए, लेकिन राहुल गांधी की वहां भी हार होगी। रायबरेली से भी जनता उन्हें भगाने का काम करेगी और फिर एक बार राहुल गांधी को हार मिलेगी।'
1967 से गांधी परिवार गढ़ रहा अमेठी
अमेठी लोकसभा 1967 से गांधी परिवार का मजबूत किला रहा और करीब 31 सालों तक गांधी परिवार के सदस्यों ने इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले आम चुनाव में स्मृति ईरानी, कांग्रेस के इस मजबूत किले को भेदने में सफल रहीं और उन्होंने राहुल गांधी को 55 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी।
इस बार राहुल गांधी रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे जबकि गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। किशोरी लाल शर्मा ही वो शख्स हैं, जिन्होंने गांधी परिवार की गैर-मौजूदगी में दोनों निर्वाचन क्षेत्रों का काम-काज संभाला है।
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पहली बार गांधी परिवार की हार
अमेठी लोकसभा सीट पर गांधी परिवार को 1998 में उस समय झटका लगा था, जब राजीव गांधी और सोनिया गांधी के करीबी सतीश शर्मा को बीजेपी प्रत्याशी संजय सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा था। यह पहला मौका था जब यह सीट गांधी परिवार के हाथ से निकल गई थी। इसके बाद सोनिया गांधी ने 1999 के चुनाव में संजय सिंह को 3 लाख से ज्यादा मतों से हराकर अमेठी को फिर से कांग्रेस की झोली में डाल दिया था।
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सोनिया गांधी ने छोड़ी सीट
इसके बाद सोनिया गांधी ने 2004 के चुनाव में रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और राहुल गांधी को अमेठी सीट सौंपी गई। राहुल गांधी ने 2004, 2009 और 2014 में लगातार तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की, लेकिन 2019 में उन्हें स्मृति इरानी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। लोकल राजनीति की बाद करें तो अमेठी में पांच विधानसभा क्षेत्र तिलोई, सालोन, जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी आते हैं। पिछले कुछ सालों में कांग्रेस, बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी इस क्षेत्र में तीन मुख्य दलों के रूप में उभरे हैं। अमेठी और रायबरेली सीट पर 20 मई को मतदान होना है।
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Published May 3rd, 2024 at 16:38 IST
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