Updated May 2nd, 2024 at 10:56 IST
कैसरगंज में कटेगा बृजभूषण का टिकट! बेटे करण भूषण पर BJP लगा सकती है दांव
सूत्रों ने दावा किया है कि बृजभूषण सिंह के बेटे और कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष करन भूषण सिंह को बीजेपी कैसरगंज सीट से उम्मीदवार घोषित कर सकती है।
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Brijbhushan Singh: उत्तर प्रदेश की हॉट सीटों में से एक कैसरगंज लोकसभा सीट पर सूत्रों ने दावा किया है कि मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे और कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष करण भूषण सिंह को भारतीय जनता पार्टी कैसरगंज सीट से उम्मीदवार घोषित कर सकती है। यूपी की कैसरगंज सीट पर अभी तक बहुजन समाज पार्टी को छोड़ किसी भी दल ने अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है।
3 मई कैसरगंज लोकसभा सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख है। इस सीट पर अंतिम दिन सभी दल अपने-अपने पत्ते खोल सकते हैं। इस बीच अवध की 8 सीटों को लेकर बीजेपी यूपी में समीक्षा बैठक करेगी जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह के शामिल होने की खबर है। इस बीच बसपा ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए नरेन्द्र पांडेय को टिकट थमा दिया। बसपा की 11वीं लिस्ट में उनका नाम 2 मई को सामने आया।
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बीजेपी के उम्मीदवार कौन साफ
यूपी की कैसरगंज सीट पर अभी तक बसपा को छोड़ किसी भी दल ने अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है। नामांकन के अंतिम दिन सभी दल अपने-अपने पत्ते खोल सकते हैं। इस बीच अवध की 8 सीटों को लेकर बीजेपी यूपी में समीक्षा बैठक करेगी जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह के शामिल होने की खबर है।
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पत्नी केतकी हैं जिला पंचायत अध्यक्ष और बड़े बेटे प्रतीक विधायक
आपको बता दें कि बृजभूषण सिंह के परिवार में उनके बड़े बेटे प्रतीक भूषण पहले से विधायक हैं और उनकी पत्नी मौजूदा समय जिला पंचायत अध्यक्ष हैं इसके पहले वो सांसद भी रह चुकी हैं। और अब छोटे बेटे करण को बीजेपी ने अगर टिकट दिया तो वो भी राजनीतिक करियर की शुरुआत कर देंगे।
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ऐलान अभी बाकी
हालांकि अभी तक इसे लेकर कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन बृजभूषण पर विवाद के साए के चलते भाजपा उनके बेटे पर दांव लगा सकती है। कैसरगंज सीट के कद्दावर और सीटिंग बीजेपी एमपी हैं। अवध की कई सीटों पर उनका अच्छा खासा प्रभाव भी है। बड़े ठाकुर नेता हैं और उनकी इस बिरादरी पर अच्छी खासी पैठ है। जिसमें बता दें कि साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ एक अभियान छेड़ शोषण के आरोप लगाए थे। विवाद के चलते कई पहलवानों ने अपने मेडल तक लौटा दिए थे। जंतर मंतर पर धरना भी दिया था। विपक्ष ने इस पर सियासत भी खूब की थी। कार्रवाई की मांग उठी और मामला अदालत तक पहुंच गया।
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Published May 2nd, 2024 at 09:58 IST
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