Updated May 8th, 2024 at 15:01 IST
मतदान के आड़े नहीं आई उम्र, माओवाद प्रभावित सिंहभूम में 101 साल की बेल ने डाला वोट
झारखंड में माओवाद प्रभावित सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में 101 साल की बेला सेन जुझारूपन और दृढ़संकल्प की मिसाल हैं
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झारखंड में माओवाद प्रभावित सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में 101 साल की बेला सेन जुझारूपन और दृढ़संकल्प की मिसाल हैं जिन्होंने ऐसे क्षेत्र में मतदान के लिए अपनी अडिग प्रतिबद्धता दिखाई जहां वोट डालना बहुत चुनौतीपूर्ण है। मतदान केंद्र तक जाने में असमर्थ बेला ने अपनी शारीरिक बाध्यताओं को मतदान के आड़े नहीं आने दिया। 24 अक्टूबर, 1923 को जन्मी बेला ने घर से मतदान का विकल्प चुना और चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के अपने अडिग समर्पण को रेखांकित किया।
पश्चिम सिंहभूम जिले के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने भी इसमें भूमिका निभाई और मतदान संबंधी समस्त सामग्री के साथ उनके घर पहुंचे। जिला निर्वाचन अधिकारी चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कोई मतदाता नहीं छूटे। बेला सेन जैसे कई लोग हैं जिनके लिए हमने घर से मतदान की विशेष व्यवस्था की है।’’
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उन्होंने बताया कि संसदीय क्षेत्र में 62 से अधिक ऐसे मतदाता हैं जो 100 साल से अधिक उम्र के हैं। इनमें एक हैं मनोहरपुर थाना क्षेत्र के नंदपुर निवासी वाल्टर लाकरा जिन्होंने उपायुक्त को मतदान केंद्र तक जाने में अपनी असमर्थता से अवगत कराया। चौधरी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके घर जाकर मतदान कराएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 100 साल की उम्र के 62 लोगों और 85 साल से अधिक उम्र के 3,909 मतदाताओं के साथ 13,703 दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान कराना सुनिश्चित किया।’’
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Published May 8th, 2024 at 15:01 IST
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