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Updated May 6th, 2024 at 17:23 IST

Bishnupur: एक तरफ सौमित्र खान,दूसरी ओर तलाकशुदा पत्नी सुजाता मोंदाल, बिष्णुपुर सीट पर कांटे की टक्कर

बिष्णुपुर लोकसभा सीट से सौमित्र खान भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर और उनकी तलाकशुदा पत्नी सुजाता मोंदाल तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रही हैं।

saumitra khan ,sujata mondal
बिष्णुपुर सीट पर तलाकशुदा दंपत्ति सौमित्र खान और सुजाता मोंदाल के बीच मुकाबला होगा। | Image:facebook
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Bishnupur Parliamentary Constituency: पश्चिम बंगाल की बिष्णुपुर लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला है जहां तलाकशुदा दंपत्ति भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर आमने सामने हैं तथा दोनों ही यहां की पेयजल समस्या और खस्ताहाल सड़कों की समस्या दूर करने के वादे कर रहे हैं। बिष्णुपुर लोकसभा सीट से सौमित्र खान भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर और उनकी तलाकशुदा पत्नी सुजाता मोंदाल तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रही हैं। बिष्‍णुपुर लोकसभा क्षेत्र में साल 2021 के विधानसभा चुनावों में सात सीटों में तृणमूल कांग्रेस ने कुल चार और भाजपा ने तीन विधानसभा सीटें अपने नाम की थीं। बिष्णुपुर में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में, 25 मई को मतदान होगा।

बिष्णुपुर लोकसभा सीट साल 2014 तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) का गढ़ थी। इसके बावजूद सौमित्र खान ने 2014 में पहली बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीतने में कामयाबी हासिल की। साल 2019 में भाजपा में शामिल होने के बाद फिर से खान ने अपनी जीत दोहराई। बिष्णुपुर से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे सौमित्र खान ने 2014 में 45.5 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इसके मुकाबले पिछले चुनाव में उन्होंने 46.25 प्रतिशत वोट लेकर अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार को 78,000 मतों के अंतर से हराया था। इस बार बिष्णुपुर सीट पर सौमित्र खान का मुकाबला उनकी पूर्व पत्नी सुजाता मोंदाल से है जो तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर उन्हें चुनौती दे रही हैं।

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2019 में सुजाता ने किया था सौमित्र खान के लिए प्रचार

2019 के चुनाव में जब खान पर, उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के सिलसिले में अग्रिम जमानत देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बांकुड़ा जिले में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, तब उनकी पत्नी सुजाता ने ही बिष्णुपुर में उनके पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। इस बारे दोनों की राहें अलग हो चुकी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुजाता के अथक प्रयासों की वजह से सौमित्र खान 2019 में अपनी सीट बरकरार रख पाए। इसके बाद दोनों अलग हो गए। सौमित्र खान का आरोप है कि उनके भाजपा में जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें सरकारी नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों से वसूली करने के मामलों में फंसाया।

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सुजाता मोंदाल कर रही हैं अपनी जीत का दावा

दिसंबर 2020 में सुजाता यह दावा करते हुए तृणमूल कांग्रेस में चली गईं कि ‘‘भाजपा ने उनके अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें वह नहीं दिया जिसकी वह हकदार थीं।’’उन्होंने हुगली जिले की आरामबाग विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ा पर हार गईं। इस बार अपनी जीत सुनिश्चित बताते हुए सुजाता मोंदाल ने कहा, ‘‘मुझे अब जनता के लिए काम करने का सीधा अवसर मिलेगा।’’ उन्होंने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत के दौरान बताया कि ममता बनर्जी की सरकार ने महिलाओं के लिए लक्ष्मीर भंडार मासिक मौद्रिक सहायता योजना और स्वास्थ्य साथी स्वास्थ्य बीमा कवरेज के तहत जनता को लाभ पहुंचाया है और इसीलिए लोग भाजपा और माकपा के बजाय तृणमूल कांग्रेस को ही चुनेंगे। उन्होंने कहा , ‘‘यह मेरी मातृभूमि है और लोग मुझे जानते है।’’

CPIM ने शीतल कोइबोर्तो को मैदान में उतारा

भाकपा (एम) ने बांकुड़ा जॉयपुर के एक स्कूल के प्रभारी शिक्षक शीतल कोइबोर्तो को मैदान में उतारा है, जो दावा करते हैं कि उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में अच्छा रुझान मिल रहा है। कोईबोर्तो ने कहा कि बेरोजगारी, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उचित प्रयासों की कमी, जिले में साली और दारकेश्वर नदियों के तटों पर कटाव को नियंत्रित करने में विफलता क्षेत्र की कुछ प्रमुख समस्याएं है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए।

बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र में जंल संकट एक बड़ी समस्या

स्थानीय लोग बारजोरा, सोनामुखी और ओंदा आदि इलाकों में जल संकट का जिक्र करते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बारजोरा में केवल 857 मिमी वार्षिक वर्षा होती है, जो जिले में सबसे कम है। सोनामुखी की रहने वाली शंपा गोस्वामी कहती हैं ‘‘इलाके के ज्यादातर नलों में पानी की एक बूंद नहीं है। हमारी मुख्य मांग है कि इस चुनाव में हमारी पेयजल की समस्या का समाधान किया जाए।’’ तृणमूल उम्मीदवार सुजाता मोंदाल कहती हैं कि इस समस्या के हल के प्रयास किए जा रहे हैं।

निवर्तमान सांसद सौमित्र खान को उनकी कथित अनुपस्थिति और अधूरे वादों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा हैं। ओंडा विधानसभा सीट के निवासी चोटन पॉल ने आरोप लगाया है कि पिछले पांच वर्षों में चुनाव जीतने के बाद सासंद को कभी आसपास नहीं देखा गया। पॉल ने कहा, ‘‘सड़कों की खराब हालत के कारण आपात चिकित्सा स्थिति के समय हमें अस्पतालों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।’’ खराब सड़कें और अनियमित पेयजल आपूर्ति को प्रमुख मुद्दा बताते हुए क्षेत्र के एक अन्य निवासी उत्तम मुखर्जी ने कहा कि वे सांसद और स्थानीय विधायक द्वारा स्थानीय समस्याओं पर सक्रिय दृष्टिकोण देखना चाहते हैं जो कथित तौर पर गायब है। हालांकि भाजपा विधायक अमरनाथ सखा ने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के प्रति समर्पण पर जोर देते हुए खान का बचाव किया।

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Published May 6th, 2024 at 17:23 IST

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