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Updated May 4th, 2024 at 08:02 IST

'भारत को पंचायती राज प्रणाली पर गर्व', UN में भारतीय प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने बताई वजह

UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत के पंचायती राज सिस्टम की खूब तारीफ की और कहा कि इसमें महिलाओं के नेतृत्व में विकास हुआ है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kanak Kumari
India's Representative to the United Nations, Ruchira Kamboj
रुचिरा कंबोज | Image:ANI
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संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, रुचिरा कंबोज ने भारत की पंचायती राज प्रणाली की खूब तारीफ की। उन्होंने पंचायती राज सिस्टम के भीतर महिलाओं के नेतृत्व में हुए विकास पर प्रकाश डाला। रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत को ग्रामीण शासन की एक अनूठी प्रणाली पर गर्व है जिसे पंचायती राज के रूप में जाना जाता है - जो जमीनी स्तर पर शक्ति का प्रतीक है।

भारत के CPD57 साइड इवेंट में UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कम्बोज ने कहा, "एसडीजी का स्थानीयकरण: भारत में स्थानीय प्रशासन में महिलाएं आगे बढ़ती हैं।" इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी बताया कि जमीनी स्तर पर महिला सशक्तिकरण का परिवर्तनकारी प्रभाव कितना ज्यादा है।

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रुचिरा कम्बोज ने भारत के पंचायती राज सिस्टम पर जोर देते हुए कहा, “पंचायती राज प्रत्यक्ष लोकतंत्र का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो ग्राम सभा के माध्यम से पंचायत के सभी निवासियों की सक्रिय भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है।” भारत का ये सिस्टम अन्य जगहों पर होने वाले पारंपरिक नगरपालिका प्रशासन मॉडल से अलग है। भारत का यह सिस्टम समावेशी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए एक मॉडल बनाता है।

भारत में लैंगिक समानता पर क्या बोलीं रुचिरा कंबोज

लैंगिक समानता को लेकर रुचिरा कंबोज ने कहा, "1992 में संवैधानिक संशोधन के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया गया था, जिसके तहत स्थानीय शासन में सभी निर्वाचित भूमिकाओं में से कम से कम एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित होना अनिवार्य था। यह संवैधानिक प्रावधान जमीनी स्तर पर निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था।"

महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी तक बढ़ी

UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने भारत के 21 राज्यों में मोदी सरकार के महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50 फीसदी बढ़ाने का जश्न मनाया। उन्होंने कहा, "आज, 3.1 मिलियन से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 1.4 मिलियन से अधिक महिलाएं हैं। महिलाओं की भागीदारी में यह बढ़ोतरी शासन और सामुदायिक विकास में महिलाओं के योगदान को पहचानने और महत्व देने की दिशा में व्यापक सामाजिक बदलाव को दर्शाता है।"

इसे भी पढ़ें: BREAKING: खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या मामले में ताबड़तोड़ एक्शन, कई लोगों को किया गिरफ्तार

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Published May 4th, 2024 at 07:37 IST

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