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Updated May 7th, 2024 at 14:53 IST

सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष मिशन की लॉन्चिंग टली, 58 की उम्र में तीसरी बार स्पेस जाने की थी तैयारी

भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स की 58 साल की उम्र में तीसरी अंतरिक्ष उड़ान किसी कारण से लॉन्च नहीं हो पाई।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Kanak Kumari
Sunita Williams to travel space
सुनीता विलियम्स | Image:X/NASA
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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 58 साल की उम्र में तीसरी बार अंतरिक्ष मिशन पर जाने की तैयारी में थीं। बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से सुनीता अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाली थीं लेकिन स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी दिक्कतों की वजह से मिशन को लॉन्च नहीं किया गया।

नासा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार रॉकेट के वॉल्व में कुछ दिक्कत आ गई, जिसकी वजह से लॉन्चिंग को रोकना पड़ा। वहीं मिशन को फिर से कब लॉन्च किया जाएगा, इसे लेकर अबतक कोई फैसला नहीं लिया गया है। बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष रॉकेट को फ्लोरिडा में केप केनवेरल के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से छोड़ा जाना था।

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सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर लॉन्च होने वाला था मिशन

सुनीता विलियम्स के साथ बुच विलमोर भी इस मिशन में शामिल थे। रॉकेट सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात 10:34 बजे (मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार 8:04 बजे) रवाना किया जाना था।

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बीबीसी ने सुनीता विलियम्स के हवाले से इस मिशन को लेकर बताया, "हम सभी यहां हैं क्योंकि हम सभी तैयार हैं। हमारे दोस्तों और सहयोगियों ने इसके बारे में सुना है और हमने इसके बारे में बात की। वे सभी खुश और गौरवान्वित हैं कि हम इस मिशन का हिस्सा हैं।"

इस वजह से कई सालों की देरी के बाद लॉन्च होने वाला था मिशन

बता दें, अंतरिक्ष यान को तैयार करने में आई कई रुकावटों की वजह से इस मिशन को कई सालों की देरी के बाद आज शुरू किया जाना था। अगर ये मिशन कामयाब होता है तो एलन मस्क की ‘स्पेसएक्स’ के साथ यह दूसरी प्राइवेट कंपनी बन जाएगी जो चालक दल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र तक ले जाने और वापस लाने में सक्षम होगी।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने 22 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टारलाइनर के आगामी अभियान के बारे में कहा था, "इतिहास बनने जा रहा है। हम अंतरिक्ष अन्वेषण के स्वर्ण युग में हैं।"

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1988 में बनी थीं अंतरिक्ष यात्री

नासा ने 1988 में सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना था और उनके पास दो अंतरिक्ष अभियानों का अनुभव है। उन्होंने एक्स्पीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और एक्स्पीडिशन 33 की कमांडर के तौर पर सेवा दी थी। पहली अंतरिक्ष यात्रा एक्स्पीडिशन 14/15 के दौरान विलियम्स ने नौ दिसंबर 2006 को एसटीएस-116 के चालक दल के साथ उड़ान भरी थी और 11 दिसंबर 2006 को वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंचीं। पहली अंतरिक्ष यात्रा में उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 29 घंटे और 17 मिनट की चार बार चहलकदमी करने के साथ महिलाओं के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री पेग्गी व्हिटसन ने अंतरिक्ष में कुल पांच बार चहलकदमी कर 2008 में यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था।

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एक्स्पीडिशन 32/33 में विलियम्स ने रूसी सोयुज कमांडर युरी मालेनचेंको और जापान एयरोस्पेस एक्स्प्लोरेशन एजेंसी की फ्लाइट इंजीनियर अकीहिको होशिदे के साथ कजाखस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोन से 14 जुलाई 2012 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। उस वक्त विलियम्स ने प्रयोगशाला की परिक्रमा करते हुए अनुसंधान और अन्वेषण में चार महीने का वक्त बिताया था। वह अंतरिक्ष में 127 दिन का वक्त बिताने के बाद 18 नवंबर 2012 को कजाखस्तान पहुंची थीं।

अपने अभियान के दौरान विलियम्स और होशिदे ने तीन बार अंतरिक्ष की चहलकदमी की और स्टेशन के रेडिएटर से अमोनिया के रिसाव को ठीक किया। अंतरिक्ष में 50 घंटे और 40 मिनट की चहलकदमी के साथ विलियम्स ने एक बार फिर किसी महिला अंतिरक्ष यात्री का अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक चहलकदमी करने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया। विलियम्स ने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं।

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विलियम्स का जन्म ओहायो के यूक्लिड में भारतीय-अमेरिकी न्यूरोएनाटॉमिस्ट दीपक पांड्या और स्लोवेनियाई-अमेरिकी उर्सुलिन बोनी पांड्या के घर हुआ था। उन्होंने यूएस नेवल एकेडमी से भौतिक विज्ञान की डिग्री ली और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग प्रबंधन में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की।

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Published May 7th, 2024 at 14:53 IST

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