Updated April 26th, 2024 at 13:10 IST
एन्क्रिप्शन तोड़ने पर किया मजबूर तो छोड़ देंगे भारत... WhatsApp ने दिल्ली HC में रखी दलील
व्हाट्सएप ने सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि अगर एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया जाएगा तो मैसेजिंग एप भारत से चला जाएगा।
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दिल्ली हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप ने कहा है कि अगर भारत की सरकार ने एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया, तो देश से चले जाएंगे। बता दें, दिल्ली हाई कोर्ट में भारत सरकार के IT नियम 2021 को META के फेसबुक और व्हाट्सएप ने चुनौती दी। इसी को लेकर अब हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
व्हाट्सएप की ओर से तेजस कारिया ने कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए कहा, "अगर हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा गया, तो व्हाट्सएप बाहर चला जाएगा। हमें पूरी चेन रखनी होगी, और हमें ये पता नहीं है कि किस मैसेज को हमें डिक्रिप्ट करने के लिए कहा जाएगा। इसका ये मतलब है कि हमें सालों तक लाखों मैसेज को स्टोर करके रखना होगा।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोग व्हाट्सएप को उसकी मजबूत प्राइवेसी सुविधाओं के लिए चुनते हैं। 400 मिलियन से अधिक यूजर्स के साथ, भारत व्हाट्सएप का सबसे बड़ा मार्केट है।
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वहीं कोर्ट की तरफ से सवाल किया गया कि क्या अन्य देशों में भी इस तरह के ही नियम हैं? इसपर व्हाट्सएप की ओर से कहा गया कि ऐसा नियम किसी भी देश में नहीं है। बता दें, मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त को होने वाली है।
क्या है पूरा मामला?
आईटी नियम 2021 के अनुसार व्हाट्सएप को इसके यूजर्स के चैट्स को ट्रेस करने के साथ ही किसी मैसेज को पहली बार भेजने वाले पहले यूजर की पहचान करने की बात कही गई। अब इसे व्हाट्सएप मानने से इनकार कर रहा है। व्हाट्सएप और इसकी मूल कंपनी, META, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 को चुनौती दे रहे हैं, जो चैट का पता लगाने और ऑरिजिनल मैसेंजर की पहचान को अनिवार्य बनाता है।
आईटी नियम 2021 के खिलाफ बहस करने वाली कंपनी व्हाट्सएप का तर्क है कि ये नियम एन्क्रिप्शन को कमजोर करते हैं। ऐसे में भारतीय संविधान की ओर से दी गई यूजर्स की प्राइवेसी की गारंटी का उल्लंघन होता है।
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Published April 26th, 2024 at 13:10 IST
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