अपडेटेड 6 May 2024 at 21:24 IST
Heeramandi: अक्षय कुमार को कैसी लगी संजय लीला भंसाली की 'हीरामंडी'? एक्टर ने दिया अपना रिव्यू
Heeramandi: तारीफों के बीच बॉलीवुड डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री इस सीरीज की आलोचना करते भी नजर आए। वह इसके लिए भंसाली पर बरसते दिखाई दिए।
- मनोरंजन समाचार
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Akshay Kumar on Heeramandi: बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' अपनी स्ट्रीमिंग के बाद से ही लगातार चर्चाओं में हैं। लोग सीरीज देख इसे अपना अपना रिव्यू दे रहे हैं। कुछ लोगों को भंसाली की सीरीज काफी पसंद आ रही है, तो वहीं इसकी आलोचना करने वालों की भी कमी नहीं है।
इस बीच बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने हीरामंडी पर अपना रिव्यू दिया है। अक्षय ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए बताया है कि आखिर उन्हें संजय लीला भंसाली की ये सीरीज कैसी लगी?
अक्षय ने की 'हीरामंडी' की तारीफ
अक्षय को हीरामंडी काफी पसंद आई हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर सीरीज का एक पोस्टर शेयर कर इसकी खूब तारीफ की। इसमें उन्होंने सोनाक्षी सिन्हा के काम को भी सराहा।
एक्टर ने पोस्ट में लिखा, "हीरामंडी देख रहा हूं। इतना भव्य दृश्य। बहुत अच्छा लग रहा है, सोनाक्षी सिन्हा और भंसाली प्रोडक्शंस।" वहीं एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा ने भी अक्षय के इस पोस्ट को शेयर किया और एक्टर की तारीफों के लिए उन्हें शुक्रिया अदा कहा।
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बता दें कि अक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा एक साथ कई फिल्मों में काम करते नजर आ चुके हैं। दोनों को साथ में 'राउडी राठौड़', 'मंगल मिशन', 'वंस अपोन ए टाइम इन मुंबई', 'हॉलीडे' और 'बड़े मियां छोटे मियां' में देखा जा चुका है।
हीरामंडी में बड़े बड़े सितारे
बात 'हीरामंडी' की करें तो संजय लीला भंसाली की ये सीरीज बड़े बड़े सितारों से सजी है। इसमें मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, संजीदा शेख, अदिति राव हैदरी, ऋचा चड्ढा, शर्मिन सेगल, फरदीन खान, अध्ययन सुमन और शेखर सुमन जैसे कलाकारों नजर आ रहे हैं।
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भंसाली पर क्यों बरसे विवेक अग्निहोत्री?
अक्षय से पहले बॉलीवुड की कई हस्तियां भंसाली की हीरामंडी की तारीफें कर चुकी हैं। वहीं, तारीफों के बीच बॉलीवुड डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री इस सीरीज की आलोचना करते भी नजर आए। विवेक ने दावा किया कि उन्होंने अबतक हीरामंडी देखी नहीं है, लेकिन इस सीरीज में जिस तरह तवायफों की जिंदगी को दिखाया गया है उसकी वह आलोचना करते दिखे।
उन्होंने कहा कि तवायफों और रेड लाइट एरिया को रोमांटिक बनाना बॉलीवुड की फितरत रही है। ये दुख की बात है, क्योंकि वेश्याघर कभी भी ग्लैमर या ब्यूटी की जगह नहीं रही। ये मानवीय अन्याय, दर्द और संघर्ष के बारे में है। साथ ही 'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर ने सवाल भी किए कि क्या क्रिएटविटी हमें इंसान के दर्द को ग्लैमराइज करने की आजादी देती है? उन्होंने पूछा कि क्या ये सही है कि हम झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों की जिंदगी को इस तरह से दिखाएं कि उनके पास सब कुछ है? क्या ऐसा दिखाया जाना चाहिए कि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग ऐसे कपड़े पहन रहे हैं कि वह अंबानी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे हों?
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 6 May 2024 at 21:23 IST